कृषि मंत्री ने किया राज्यस्तरीय रबी कर्मशाला का शुभारंभ

पटना : कृषि विभाग द्वारा रबी महाभियान-सह-राज्यस्तरीय रबी कर्मशाला 2021 का शुभारंभ स्थानीय बामेती सभागार में कृषि मंत्री अमरेन्द्र प्रताप सिंह एवं गन्ना उद्योग विभाग के मंत्री प्रमोद कुमार द्वारा संयुक्त रूप से किया गया| इस अवसर पर कृषि मंत्री ने अपने कहा कि रबी मौसम में फसलों के उत्पादन एवं उत्पादकता बढ़ाने हेतु विभाग द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं के तहत् अनुदान उपलब्ध कराने हेतु इसका व्यापक प्रचार-प्रसार करने के लिए जिला, प्रखंड स्तर पर रबी महाभियान का आयोजन किया जायेगा|रबी-गरमा मौसम, 2021-22 में 45.10 लाख हेक्टेयर में खाद्यान्न फसलों की खेती से 153.35 लाख मैट्रिक टन उत्पादन का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, गेंहूं फसल के लिए 23 लाख हेक्टेयर में खेती से कुल 72 लाख मैट्रिक टन उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है|रबी मक्का में 5 लाख हेक्टेयर में खेती के लिए कुल 42.75 लाख मैट्रिक टन उत्पादन का लक्ष्य निर्धारित किया गया है|गरमा मक्का के लिए 2.75 लाख हेक्टेयर में खेती से कुल 16.50 लाख मैट्रिक टन उत्पादन का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, दलहन के लिए 12.10 लाख हेक्टेयर में खेती से कुल 14.55 लाख मैट्रिक टन उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है|बोरो एवं गरमा धान के लिए 2.00 लाख हेक्टेयर में आच्छादन तथा 7.20 लाख मैट्रिक टन उत्पादन का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, जौ फसल के लिए 0.25 लाख हेक्टेयर में खेती से कुल 0.35 लाख मैट्रिक टन उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है| रबी-गरमा वर्ष 2021-22 में तेलहन का 2.20 लाख हेक्टेयर में खेती के लिए 3.90 लाख मैट्रिक टन तेलहन उत्पादन का लक्ष्य निर्धारित है|श्री सिंह ने कहा कि कुछ दिन बाद किसान धान की कटाई करेंगे, सभी जिलास्तरीय पदाधिकारी किसानों को फसल कटाई के उपरान्त खेतों में फसल अवशेष को न जलाने के लिए जागरूक करें, क्योंकि फसल कटाई उपरान्त खेतों में आग लगाने से पोषक तत्वों का नुकसान होता है|दक्षिणी बिहार के जिलों में विशेष जागरूकता अभियान चलाने की आवश्यकता है, किसानों को फसल अवशेष प्रबंधन के प्रति जागरूक करने की जवाबदेही हम सभी की है|कृषि विश्वविद्यालयों के विभिन्न संभागों द्वारा किसानों के हित में किये जा रहे प्रसार तथा शोध कार्यों से संबंधित वैज्ञानिक आवश्यक तकनीकी ज्ञान से किसानों को अवगत कराते हैं, जिनसे किसानों को उनके कृषि जलवायु क्षेत्र के अनुसार उनके द्वारा किये जा रहे कृषि कार्यों में नई तकनीक अपनाने में सहयोग प्राप्त होता है|उन्होेंने कहा कि इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य रबी मौसम में संचालित होने वाली योजनाओं, कृषि एवं कृषि से सम्बद्ध नवीनतम तकनीकों यथा रबी मौसम में बुवाई की जाने वाली फसलों की वैज्ञानिक, समेकित कीट प्रबंधन, समेकित पोषक तत्व प्रबंधन, फसल अवशेष प्रबंधन, समसामयिक समस्याओं की जानकारी एवं वैज्ञानिकों द्वारा समाधान, कृषक उत्पादक संगठन के गठन, आत्मा द्वारा संचालित कार्यक्रमों, प्रशिक्षण-परिभ्रमण, किसान पुरस्कार कार्यक्रम, किसान पाठशाला, किसान गोष्ठी, किसान मेला आदि से संबंधित कृषकों के बीच प्रखंड एवं पंचायत स्तर तक रबी महाभियान एवं किसान चौपाल का आयोजन कर प्रभावशाली ढंग से प्रचारित-प्रसारित किया जाएगा| प्रत्येक किसान चौपाल में 150 किसान भाग लेंगे,इससे किसान योजनाओं,नवीनतम तकनीक की जानकारी लेकर उत्पादन एवं उत्पादकता में वृद्धि कर सकेंगे, जिनसे उनकी आय में वृद्धि होगी| इस अवसर पर गन्ना उद्योग मंत्री प्रमोद कुमार ने कहा कि बिहार देश का पहला राज्य है, जहां गन्ना आधारित इथनाॅल नीति लागू किया गया है| गन्ना के साथ दलहन एवं तेलहन की अंर्तवर्ती खेती से राज्य में गन्ना के साथ-साथ दलहन एवं तेलहन के उत्पादन में बढ़ोतरी होगी|इस रबी महाभियान में गन्ना बहुल क्षेत्रों के किसानों को अंर्तवर्ती खेती के फायदे के बारे में जागरूक किया जाये, साथ ही उन्होंने कहा कि गन्ना के कटाई के उपरान्त जीरो टिलेज पद्धति से गेहूं की खेती करने से गेंहूं के उत्पादन में बढ़ोतरी होगी, इस बारे में किसानों को जागरूक किये जाने की आवश्यकता है|कृषि विभाग के सचिव डाॅ. एन.सरवण कुमार ने कहा कि कृषि रोड मैप के तहत् निर्धारित लक्ष्यों के अनुरूप बड़े पैमाने पर योजनाएं  क्रियान्वित की गई है, जिससे राज्य में विशेष कर गेंहूं, धान एवं मक्का के बीज प्रतिस्थापन दर में प्रति वर्ष निर्धारित लक्ष्य से अधिक हासिल किया गया है| दलहन एवं तेलहन फसलों के बीज प्रतिस्थापन दर अभी भी कम है, इसलिए रबी 2021-22 के लिए राज्य सरकार द्वारा 50 करोड़ के ज्यादा लागत से दलहन एवं तेलहन की मिनीकीट योजना की स्वीकृति दी गई है|उन्होंने सभी जिला कृषि पदाधिकारी एवं बिहार राज्य बीज निगम को यह निदेश दिया कि विशेष अभियान चलाकर सही समय पर उच्च गुणवत्ता के बीज किसानों को होम डिलीवरी एवं सामान्य तरीके से आपूर्ति करें|उन्होंने निदेश  दिया कि किसान चौपाल आयोजन के समय इस बात का ध्यान रखा जाये कि विशेष फसल वाले पंचायत में उस फसल से संबंधित किसानों को चौपाल में आमंत्रित कर उन्हें प्रशिक्षित किया जाये|इस कार्यक्रम में बिहार कृषि  विश्वविद्यालय सबौर के कुलपति डाॅ.अरूण कुमार, ईखायुक्त गिरिवर दयाल, विशेष सचिव बिजय कुमार, निदेशक उद्यान नन्द किशोर, अपर निदेशक (शष्य) धनंजयपति त्रिपाठी, निदेशक भूमि संरक्षण बैंकटेश नारायण सिंह, निदेशक पी.पी.एम. अशोक प्रसाद, निदेशक बसोका सुनील कुमार पंकज, निदेशक बामेती डाॅ. जीतेन्द्र प्रसाद, उप निदेशक (शष्य) सूचना रविन्द्र कुमार वर्मा, दोनों कृषि विश्वविद्यालयों के कृषि वैज्ञानिक के अलावे मुख्यालय एवं क्षेत्रीय पदाधिकारीगण उपस्थित थे|

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