पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक अणे मार्ग स्थित ‘संकल्प’ में बिहार राज्य में प्रस्तावित एवं निर्माणाधीन चार एक्सप्रेस-वे/हाईवे गोरखपुर-सिलीगुड़ी, रक्सौल-हल्दिया, पटना-पूर्णिया ग्रीनफील्ड तथा आमस-दरभंगा पथ से बोधगया/राजगीर की संपर्कता से संबंधित उच्चस्तरीय समीक्षा की|समीक्षा के क्रम में मुख्य सचिव द्वारा मुख्यमंत्री को प्रस्तुतीकरण के माध्यम से जानकारी दी गयी कि इन चार प्रमुख परियोजनाओं के तहत 1,575 कि.मी.एक्सप्रेस-वे पथ के निर्माण पर 84 हजार 734 करोड़ रुपये खर्च होंगे| इसमें बिहार में पथों की लंबाई 1,063 कि.मी. होगी और इस पर 59 हजार 173 करोड़ रुपये खर्च होंगे|उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री की दूरगामी सोच के अनुरूप आज राज्य के किसी भी कोने से 05 घंटे में राजधानी पटना पहुँचने हेतु पथों का नेटवर्क विकसित किया गया है|आगामी 05 वर्षों में राज्य के किसी भी कोने से 04 घंटे में पटना पहुँचने के लक्ष्य की कार्य योजना प्रस्तावित है,इसके अन्तर्गत राज्य में नये एक्सप्रेस-वे/हाईवे के निर्माण हेतु अग्रेतर कार्रवाई की जा रही है|गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेस-वे, बिहार राज्य के आठ जिलों यथा-पश्चिमी चंपारण, पूर्वी चंपारण, शिवहर, सीतामढ़ी, मधुबनी, सुपौल, अररिया तथा किशनगंज से होकर गुजरेगा जिसकी कुल लंबाई 600 कि.मी. होगी,इसमें बिहार राज्य में 415 कि.मी. लंबा पथांश शामिल होगा,इसके लिए 100 मी. चैड़ाई में भू-अर्जन किया जाना है|रक्सौल-हल्दिया एक्सप्रेस-वे रक्सौल अवस्थित अंतर्राष्ट्रीय चेक पोस्ट से निकटतम बंदरगाह, हल्दिया से त्वरित सम्पर्कता प्रदान करने के दृष्टिकोण से इस परियोजना का निर्माण किया जा रहा है|इसकी कुल लंबाई 702 कि.मी. है जिसमें बिहार राज्य में 367 कि.मी. हिस्सा पड़ेगा|यह बिहार राज्य में पूर्वी चंपारण, शिवहर, मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर, बेगूसराय, लखीसराय, जमुई तथा बांका जिलों से होकर गुजरेगा,इसके लिए 100 मी. चैड़ाई में भू-अर्जन किया जाना है| पटना-पूर्णियाँ ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे, पटना रिंग रोड में प्रस्तावित दिघवारा ब्रिज से प्रारंभ होकर यह पथ पूर्णियाँ तक बनाया जायेगा जिसकी कुल लंबाई 250 कि.मी. होगी| यह पथ सारण, वैशाली, समस्तीपुर, दरभंगा, सहरसा,मधेपुरा एवं पूर्णियाँ जिलों से होकर गुजरेगा, इसके लिए 100 मी. चैड़ाई में भू-अर्जन किया जाना है|आमस-दरभंगा एक्सप्रेस-वे पथ से बोधगया/राजगीर की सम्पर्कता हेतु 4 लेन स्पर का निर्माण किया जाना है, इसके लिए 45 मी. चैड़ाई में भू-अर्जन किया जाना है|समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि इन एक्सप्रेस-वे के निर्माण से राज्य में आवागमन को और गति मिलेगी, लोगों को एक जगह से दूसरी जगह पर आने-जाने में समय की काफी बचत होगी| वर्ष 2005 में सरकार में आने के बाद से आवागमन को बेहतर करने के लिए सड़कों एवं पुल-पुलियों का निर्माण कराया गया| राज्य के किसी कोने से राजधानी पटना 5 घंटे में पहुंचने के लिए पथों का नेटवर्क विकसित किया गया है| उन्होंने कहा कि इन प्रस्तावित एक्सप्रेस-वे के लिए भू-अर्जन का काम ठीक ढंग से ससमय करायें और इस कार्य में लोगों को किसी प्रकार की असुविधा न हो|इस अवसर पर जल संसाधन मंत्री विजय कुमार चौधरी, सांसद संजय कुमार झा, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा, पथ निर्माण विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत, मुख्यमंत्री के सचिव द्वय अनुपम कुमार,कुमार रवि, पथ निर्माण विभाग के सचिव संजीव पुदुकलकट्टी,मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी गोपाल सिंह,बिहार राज्य पुल निर्माण निगम के अध्यक्ष शीर्षत कपिल अशोक तथा एनएचएआई के वरीय अधिकारी उपस्थित थे|