17.50 लाख रूपये प्रति कोल्ड स्टोरेज सहायतानुदान दिया जाएगा : कृषि मंत्री

पटना :  कृषि विभाग द्वारा सूचना भवन के ‘‘संवाद कक्ष’’में आयोजित प्रेस-कॉन्फ्रेंस को कृषि मंत्री,मंगल पाण्डेय द्वारा सम्बोधित किया गया| इस अवसर पर सचिव,कृषि विभाग संजय कुमार अग्रवाल,कृषि निदेशकमुकेश कुमार लाल,प्रबंध निदेशक बिहार राज्य बीज निगम डॉ.आलोक रंजन घोष,निदेशक उद्यान अभिषेक कुमार,अपर सचिव शैलेन्द्र कुमार,संयुक्त सचिव द्वय मदन कुमार एवं मनोज कुमार,कृषि मंत्री के आप्त सचिव अमिताभ सिंह सहित कृषि विभाग के विभिन्न योजनाओं के राज्य नोडल पदाधिकारीगण उपस्थित थे|इस वर्ष धान का कुल आच्छादन 36.54 लाख हेक्टेयर,मक्का का 2.93 लाख हेक्टेयर, अरहर का 0.56 लाख हेक्टेयर, मूंग का 0.17 लाख हेक्टेयर जबकि मोटे अनाज में बाजरा का 0.15 लाख हेक्टेयर, ज्वार का 0.16 लाख हेक्टेयर, मड़ुआ का 0.29 लाख हेक्टेयर तथा अन्य दलहन का 0.11 लाख हेक्टेयर क्षेत्र का लक्ष्य निर्धारित किया गया है|लक्ष्य के अनुरूप अभीतक धान का आच्छादन 29,68,834 हेक्टेयर (80.55 प्रतिशत), मक्का का 2,73,185 (91.74 प्रतिशत), अरहर का 52,135 हेक्टेयर (92.60 प्रतिशत), मूंग का 12,699 हेक्टेयर (74.55 प्रतिशत), बाजरा का 10,041 हेक्टेयर (63.10 प्रतिशत), ज्वार का 15,697 हेक्टेयर (93.59 प्रतिशत), मडुआ का 22,309 हेक्टेयर (72.90 प्रतिशत) तथा अन्य दलहन का 7,824 हेक्टेयर (68.16 प्रतिशत) है|राज्य सरकार द्वारा राज्य के अंदर संकर एवं अन्य बीज उत्पादन के लिए एक नीति तैयार की जा रही है|विभाग एक पॉलिसी तैयार कर रहा है,ताकि आगामी रबी मौसम में बीज उत्पादक किसानों एवं कम्पनियों के साथ मिलकर संकर बीज का उत्पादन किया जा सके|किसानों को उत्पादन अनुदान तथा इच्छुक निजी बीज उत्पादक कम्पनियों को बिहार कृषि प्रोत्साहन निवेश नीति के अंतर्गत बीज उत्पादन के लिए कैपिटल सब्सिडी की व्यवस्था करने का प्रावधान किया गया है|संकर बीज उत्पादन के लिए बीजों के जर्मप्लाज्म की सुरक्षा तथा किसानों को संकर बीज उत्पादन हेतु किसानों को प्रेरित करने से बीज की कीमतें कम होगी|खरीफ अरहर फसल के उत्पादन तथा उत्पादकता में वृद्धि लाने हेतु अरहर विकास योजना राज्य के सभी जिलों में कार्यान्वित की जा रही है|खरीफ-2024 में 1.86 लाख एकड़ में योजना का क्रियान्वयन कराया गया,इस योजना अन्तर्गत फसल प्रत्यक्षण कार्यक्रम हेतु रू. 3600.00 प्रति एकड़ की दर से अनुदान देय है एवं अनुदानित दर पर अरहर बीज वितरण कार्यक्रम हेतु रू. लागत मूल्य का 80 प्रतिशत अनुदान देय होगा|दलहनी फसलों को बढ़ावा देने हेतु मसूर फसल का वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए कुल 3.66 लाख एकड़ का लक्ष्य निर्धारित है|किसानों को प्रोत्साहित करने हेतु मसूर प्रत्यक्षण कार्यक्रम के लिए किसानों को प्रति एकड़/प्रति प्रत्यक्षण 3600 रूपये साथ ही 2000 प्रति एकड़ रूपये नगद अनुदान सहायता दिया जायेगा एवं मसूर फसल प्रमाणित बीज वितरण कार्यक्रम (दस वर्ष से अधिक एवं कम आयु के प्रभेद) बीज मूल्य का 80 प्रतिशत या 10,160 रूपये प्रति क्विंटल दोनों में जो न्यूनतम हो अनुदान दिया जायेगा|राज्य में गरमा मूंग/उरद फसल के मांग को देखते हुए प्रत्यक्षण एवं बीज वितरण के कार्यक्रम के लिए कुल 5.43 लाख एकड़ का लक्ष्य निर्धारित है|राई/सरसों, तिल, मूंगफली एवं तीसी के क्षेत्र विस्तार एवं योजना क्रियान्वयन हेतु कृषकों को प्रोत्साहित करने हेतु निदेश दिया गया|वित्तीय वर्ष 2024-25 में 2.63 लाख एकड़ आच्छादित होेगा,तेलहनी फसल राई/सरसों, तिल, मूंगफली एवं तीसी प्रमाणित बीज वितरण कार्यक्रम बीज मूल्य का 80 प्रतिशत अनुदान पर दिया जायेगा|खरीफ, 2024 में अनियमित मानसून एवं अल्पवृष्टि के मद्देनजर सुखाड़ जैसी स्थिति को देखते हुए किसानों को सिंचाई के लिए डीजल अनुदान देने का प्रावधान किया गया है, यह योजना 26 जुलाई 2024 से वर्तमान खरीफ मौसम में प्रारम्भ कर दी गई है|खरीफ फसलों की सिंचाई डीजल पम्पसेट से करने के लिए क्रय किये गये डीजल पर 75 रूपये प्रति लीटर की दर से 750 रूपये प्रति एकड़, प्रति सिंचाई डीजल अनुदान दिया जायेगा|धान का बिचड़ा एवं जूट फसल की अधिकतम 2 सिंचाई के लिए 1500 रूपये प्रति एकड़ देय होगा|खड़ी फसल में धान,मक्का एवं अन्य खरीफ फसलों के अंतर्गत दलहनी,तेलहनी, मौसमी सब्जी, औषधीय एवं सुगन्धित पौधे की अधिकतम 3 सिंचाई के लिए 2250 रूपये प्रति एकड़ देय होगा|यह अनुदान प्रति किसान अधिकतम 8 एकड़ सिंचाई के लिए देय होगा,लाभुक किसान को कम-से-कम 100 रू. का भुगतान किया जायेगा|यह अनुदान सभी प्रकार के किसानों को देय होगा, अनुदान की राशि पंचायत क्षेत्र के किसानों के अतिरिक्त नगर निकाय क्षेत्र के किसानों को भी देय होगा|इस योजना का लाभ कृषि विभाग में ऑनलाईन पंजीकृत किसानों को ही दिया जा रहा है|कोल्ड स्टोरेज को बढ़ावा बिहार राज्य में अब तक कुल 202 शीतगृह कार्यरत हैं, जिसकी कुल भण्डारण क्षमता लगभग 12,30,176 मीट्रिक टन है,बिहार राज्य में 12 जिले ऐसे हैं, जहाँ कोल्ड स्टोरेज की सुविधा किसानों को प्राप्त नहीं है| इसे दृष्टिगत रखते हुए राज्य के 12 जिलों यथा-मधुबनी, नवादा, औरंगाबाद, बाँका, सहरसा, जमुई, मुंगेर, जहानाबाद, लखीसराय, शेखपुरा, अरवल तथा शिवहर में नये कोल्ड स्टोरेज निर्माण कराने हेतु राज्य सरकार द्वारा तीन वर्षों के लिए योजना स्वीकृत है|इस योजनान्तर्गत नये कोल्ड स्टोरेज टाईप-1 एवं टाईप-2 की स्थापना पर 50 प्रतिशत सहायतानुदान का प्रावधान है| राज्य में कार्यरत कोल्ड स्टोरेजों में सौर ऊर्जा की संस्थापना की योजना भी स्वीकृत है, जिसके अन्तर्गत राज्य के वर्तमान में मौजूद कोल्ड स्टोरेजों में से 50 इकाई को सौर ऊर्जा के माध्यम से संचालन कराया जाएगा, ताकि विद्युत ऊर्जा पर निर्भरता कम की जा सके तथा किसानों को सस्ते दर पर भंडारण की सुविधा प्राप्त करायी जा सके, जिस पर 50 प्रतिशत अधिकतम 17.50 लाख रूपये प्रति कोल्ड स्टोरेज सहायतानुदान दिया जाएगा|इसके अतिरिक्त राज्य के सुदूर क्षेत्रों में फल एवं सब्जियों के भंडारण की सुविधा उपलब्ध नहीं होने के कारण फल एवं सब्जियाँ बहुतायत मात्रा में खराब हो जाते हैं, जिसके लिए सौर ऊर्जा आधारित सोलर पैनल माइक्रो कूल चैम्बर जिसकी भंडारण क्षमता 10 मीट्रिक टन है, इससे संबंधित योजना स्वीकृत है, जिससे कि फल एवं सब्जियों की बर्बादी को कम किया जा सके|कलस्टर में बागवानी विकास चतुर्थ कृषि रोम के अंतर्गत कृषि विभाग की पहल ‘‘गाँव की बागवानी, हमारे गौरव की कहानी’’ के तहत उद्यानिक फसलों की व्यवसायिक खेती को बढ़ावा देने हेेतु कलस्टर में बागवानी की योजना का कार्यान्वयन किया जा रहा है इसमें अमरूद, आंवाला, निम्बु, बेल, पपीता, गेंदा फूल, लेमन ग्रास, ड्रैगन फ्रुट एवं स्ट्रॉबेरी की अगल-अगल (25 एकड़ का एक) कलस्टर में विकास किया जायेगा| इस योजना के क्रियान्वयन से उद्यानिक उत्पाद के फसलोंत्तर प्रबंधन एवं बाजार की सुविधा होगी, इस योजना से राज्य के सभी 38 जिले आच्छादित है| कलस्टर एवं फसल के चयन में किसान की अभिरूची, अनुकूल जलवायु एवं अन्य वांछित कारकों का ध्यान रखा जायेगा|वित्तीय वर्ष 2024-25 में कृषि यांत्रिकीकरण राज्य योजनान्तर्गत 8225.00 लाख रूपये की लागत से किसानों को विभिन्न कृषि यंत्रों पर अनुदान दिया जा रहा है|इस योजनान्तर्गत अभी तक किसानों को 2630.70 लाख रूपये अनुदान राशि के कुल 26793 कृषि यंत्रों की आपूर्ति की जा चुकी है|केन्द्र प्रायोजित सब मिशन ऑन एग्रीकल्चरल मैकेनाईजेशन (SMAM) योजना, वर्ष 2024-25 अन्तर्गत कुल 10,416.67 लाख रूपये की लागत से कृषि यंत्रों के क्रय तथा कस्टम हायरिंग सेन्टर, कृषि यंत्र बैंक एवं स्पेशल कस्टम हायरिंग सेन्टर की स्थापना हेतु अनुदान दिया जा रहा है|योजनान्तर्गत अभी तक किसानों को 2533.50 लाख रूपये अनुदान राशि के कुल 6386 कृषि यंत्रों की आपूर्ति की जा चुकी है,साथ ही, 202 कस्टम हायरिंग सेन्टर, 115 कृषि यंत्र बैंक एवं 73 स्पेशल कस्टम हायरिंग सेन्टर की स्थापना हेतु स्वीकृति पत्र निर्गत किये जा चुके हैं|राज्य के 34 जिलों में कुल घोड़परास की संख्या 2,95,866 तथा 30 जिलों में जंगली सूअर की संख्या 67,255 प्रतिवेदित है, घोड़परास झुण्ड में आकर फसलों को बरबाद करता है तथा फसल को चर जाते हैं, साथ ही, फसलों को चबाकर एवं कुचलकर बर्बाद कर देते हैं| झाड़ी तथा फसलों यथा अरहर, गन्ना के खेतों में छिप जाते है तथा उन फसलों को नुकसान पहुँचाते हैं|वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग, पंचायती राज विभाग, कृषि विभाग तथा गृह (पुलिस) विभाग के क्षेत्रीय पदाधिकारिओं की एक संयुक्त बैठक आयोजित कर घोड़परास एवं जंगली सूअर की समस्या के समाधान की रणनीति तैयार किया जा रहा है|
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