देश के लोग उम्मीदवार नहीं पार्टी देखकर करते हैं वोट : संजय

पटना : बिहार में 75 प्रतिशत लोग नीतीश कुमार के कामकाज से संतुष्ट हैं,मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की व्यक्तिगत लोकप्रियता भाजपा शासित राज्यों के कई मुख्यमंत्रियों से ज्यादा है|बीते लोकसभा चुनाव 2019 में एनडीए की जीत में लीडरशिप की सबसे बड़ी भूमिका रही,राज्य में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और देश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता बड़ी फैक्टर बनी,इसकी चर्चा चुनाव-विश्लेषक एवं चुनावी सर्वेक्षण करने वाली दिल्ली की संस्था सीएसडीएस के निदेशक प्रो.संजय कुमार ने कही|प्रो.कुमार स्थानीय जगजीवन राम शोध संस्थान में ‘‘लोकसभा चुनाव 2019: बिहार में चुनावी परिणामों का विश्लेषण’’ संगोष्ठी में मुख्य वक्ता के रूप में बोल रहे थे|सेफोलोजिस्ट संजय कुमार ने पावर प्वाईंट प्रेजेंटेंशन और आंकड़ों को प्रमाण के रूप में पेश करते हुये कहा कि बिहार के 51 प्रतिशत लोगों ने आखिरी दो दिन में यह तय किया कि किसे वोट देना है|पुलवामा और बालाकोट का भी असर रहा,उन्होंने कहा कि देश में सिर्फ 2 प्रतिशत लोगों ने ही नोटा का बटन दबाया,इसलिए चुनाव परिणामों पर इसका कोई खास असर नहीं रहा|उन्होंने कहा कि देश में 62 से 65 प्रतिशत लोग पार्टी देखकर वोट करते हैं,उम्मीदवार बिलकुल नहीं देखते|उन्होंने कहा कि यूपीए में शामिल पार्टियां का साधारण प्रदर्शन लगभग एक समान रहा,उनके लिए वोटर ट्रांसफर भी एक मुद्दाा रहा,धर्म के आधार पर भी वोट का ध्रुवीकरण हुआ|इसके पहले संस्थान के निदेशक श्रीकांत ने अतिथियों का स्वागत किया,कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रो. रामवचन राय ने की एवं कार्यक्रम का संचालन डॉ.वीणा सिंह ने किया|इस अवसर पर पटना विश्वविद्यालय के सहायक प्राध्यापक डॉ. राकेश रंजन ने भी अपने विचार ब्यक्त किया|इस कार्यक्रम में नागेन्द्र प्रसाद वर्मा,रंजन कुमार,अभय कुमार,रामाकांत शर्मा,डॉ. शिवेश कुमार,रेशमा प्रसाद,शेखर,प्रभात सरसिज,कंचन बाला,उदयकांत चौधरी,सत्य नारायण मदन,मणिलाल,सहित कई शिक्षाविद् उपस्थित थे|

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