बिहार के गांव-गांव में है स्किल : अंजनी कुमार सिंह

पटना : उपेन्द्र महारथी शिल्प अनुसंधान संस्थान, पटना एवं वस्त्र मंत्रालय भारत सरकार, नई दिल्ली के संयुक्त आयोजन में हस्तशिल्प के विकास में डिजाईन की भूमिका विषयक कला गोष्ठी का आयोजन बिहार संग्रहालय अवस्थित सभागार में किया गया|दो दिवसीय इस कार्यशाला सह विचार गोष्ठी का विधिवत उद्घाटन मुख्यमंत्री के सलाहकार अंजनी कुमार सिंह ने किया|इस अवसर पर श्री सिंह ने कलाकारों को संबोधित करते हुए कहा कि-बिहार के गांव-गांव में स्किल है,शिल्प है पर वैश्विक परिपेक्ष्य में वे अपने शिल्प को लेकर ज्यादा संवेदनशील हैं पर उनके विद्या में जो कुछ भी नया हो रहा है इससे वे परिचित होंगे|इस दिशा में उपेन्द्र महारथी शिल्प अनुसंधान संस्थान अपने उप विकास पदाधिकारी, अशोक कुमार सिन्हा की अगुआई में निरंतर प्रगति कर रहा है|अशोक कुमार सिन्हा ने कहा कि बिहार में मौर्य काल और उससे पहले से ही शिल्प के सबुत मिलते हैं,बिहार में आज भी कई प्रकार के लोक शिल्प एवं चित्र प्रचलन में है, जैसे मधुबनी लोक चित्र शैली,मंजूषा कला,टिकुली लोक शिल्प आदि|इस अवसर पर एएन काॅलेज की प्राचार्या श्रीमती पूर्णिमा शेखर ने कहा कि यहां के शिल्पियों को बाजार के भरोसे नहीं रहना चाहिए बल्कि बाजार की जरूरतों के अनुसार उन्हें अपने शिल्प को ढालने की आवश्यकता है|एनआईडी के मिहिर भोले ने शिल्पियों को संबोधित करते हुए कहा कि हमारी परंपरागत शिल्प कला एक समय में आकर ठहर जाती है,यही समय है जब हम उसमें नये डिजाईन देकर उसे पुनर्जीवित करें तभी यह लोक शिल्प जीवित रह पायेंगी|इस अवसर पर उद्योग विभाग के सचिव लोकेश कुमार सिंह ने कहा कि बिहार में लघु उद्योग की काफी संभावनाएं हैं,राज्य में युवाओं को इस ओर अग्रसर होने से राज्य में शिल्पकारों की स्थिति सुधरेगी एवं नये-नये शिल्प भी हमें देखने को मिलेंगे|इस अवसर पर आनंदी देशराज ने डिजाईन के बारे में शिल्पियों को नई जानकारी दी|प्रो.डा.चारू स्मिता गुप्ता ने अपने व्यक्तव्य में शिल्पियों को अपने आस-पास की संभावनाओं,संसाधनों के उपयोग को टेक्सटाईल में प्रयोग की आवश्यकता पर जोर दिया|

0Shares