उत्तम कृषि प्रणाली के माध्यम से आजीविका में सुधार |

kukut palan पटना ; भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के फार्मर्स फर्स्ट प्रोग्राम के तहत, राष्ट्रीय लीची अनुसंधान केंद्र,मुजफ्फरपुर एवं भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद का पूर्वी अनुसंधान परिसर, पटना द्वारा कार्यान्वित परियोजना “उत्तम कृषि प्रणाली के माध्यम से आजीविका में सुधार” के अंतर्गत पूर्वी चंपारण जिले के २५ महिलाओं को कुक्कुट पालन एवं बीमारियों की रोक थाम संबंधित प्रशिक्षण दिया जा रहा है| १६ से १८ फरवरी तक चलने वाले इस प्रशिक्षण का आरंभ आज भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद  का पूर्वी अनुसंधान परिसर, पटना में कार्यवाहक निदेशक डा. अमिताभ डे एवं डी. एस. एस. इ., के प्रमुख डा. अभय कुमार ने किया|इस मौके पर निदेशक ने महिलाओं के चिंतामनपुर गाँव, पिपरा, पूर्वी चंपारण से आकर यहाँ तीन दिन के प्रशिक्षण प्राप्त करने को एक सामाजिक और खासकर महिला उत्थान की और बढ़ाया गया कदम बताया|डा. अभय कुमार ने इस तरह का प्रशिक्षण को महिलाओं के सशक्तिकरण का हिस्सा बताते हुए उम्मीद जताया की इन महिलाओं के कदम से ग्रामीण क्षेत्र की अन्य महिलाओं का मनोबल बढ़ेगा|इस प्रशिक्षण पाठ्यक्रम के बारे में निदेशक, डॉ पंकज कुमार ने कहा की कुक्कुट पालन से परिवार के आय में बढ़ोतरी होगी एवं प्रोटीन का श्रोत उपलब्ध होने से परिवार कुपोषण के शिकार होने से बचेगा|राष्ट्रीय लीची अनुसंधान केंद्र के वरीय वैज्ञानिक डा. गोपाल कुमार ने फार्मर्स फर्स्ट की संक्षिप्त जानकारी फार्मर्स फर्स्ट भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद का एक अनोखा प्रोग्राम हे जिसमें किसान परिवार अपनी समस्या हल करने हेतु अनुसंधान विषय चुनने, प्राथमिकता तय करने और अपने वस्तु स्थिति के तहत परीक्षण करने में अहम भूमिका में है|पूर्वी चंपारण के एक हजार किसान परिवार इस परियोजना से जुड़े हैं और यह प्रशिक्षण आजीविका सुधार का एक प्रयास है|

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