नईदिल्ली ; भारत निर्वाचन आयोग ने पारदर्शी और विश्वसनीय चुनाव में तकनीकी लाभ पर एक अंतर्राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया|यह सेमिनार विश्व चुनाव इकाई (एडब्लूयूईबी) के कार्यकारी बोर्ड संघ और एडब्लूयूईबी की पर्यवेक्षण और लेखा समिति के सदस्यों के लिए आयोजित किया गया है,ये सदस्य संगठन की चौथी कार्यकारी बोर्ड की बैठक में भाग लेने दिल्ली आए हुए हैं|कार्यक्रम में मुख्य चुनाव आयुक्त डा.नसीम जैदी,चुनाव आयुक्त एके जोति और ओपी रावत के अलावे आयोग के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी हिस्सा लिया|चुनाव आयोग की तरफ से उप चुनाव आयुक्त उमेश सिन्हा ने प्रतिनिधियों का स्वागत करते हुए सेमिनार की रूपरेखा और भारत की ओर से मुख्य प्रस्तुति तथा सेमिनार में भाग लेनेवाली चुनाव प्रबंधन इकाइयों (ईएमबीएस) की प्रस्तुति को रेखांकित किया|डोमिनिकन गणराज्य की चुनाव आयुक्त श्रीमती रोजारियो ग्रासिनियो डीलॉस सैंटो ने भारत के चुनाव आयोग को इस तरह के प्रासंगिक और सामयिक विषय पर सेमिनार आयोजित करने की पहल के लिए उनको धन्यवाद दिया|सेमिनार को संबेाधित करते हुए मुख्य चुनाव आयुक्त डा. नसीम जैदी ने कहा कि इस सेमिनार में भाग ले रहे ११ देशों की जनसंख्या १.७ अरब है|इसका अर्थ हुआ कि इस सेमिनार मे भाग ले रहे प्रतिनिधि विश्व के पांचवें हिस्से की जनसंख्या का प्रतिनिधित्व करते हैं|इसके साथ ही उन्होंने बताया कि अगर हम विश्व में लोकतांत्रिक देशों की जनसंख्या की बात करें तो यह पूरे विश्व की जनसंख्या के ४० प्रतिशत है|डा. जैदी ने बताया कि इस सेमिनार की कोशिश है कि विश्व के सर्वश्रेष्ठ प्रणाली के बारे में जाना और उसमें सुधार लाना और उसे अपनाना है|उन्होंने विशेष सूचना संचार और तकनीक (आईसीटी) का जिक्र करते हुए कहा कि एकल विंडों राष्ट्रीय मतदाता सेवा पोर्टल की शुरुआत २०१५ में की गई|यह पोर्टल मतदाताओं से संबंधित कई तरह की सेवाएं विदेशों में रह रहे भारतीय नागरिकों को सुरक्षित और उचित डाक बैलेट सुविधा के विकास तथा धीरे-धीरे मतदाता निरीक्षण पेपर ऑडिट ट्रायल (वीवीपीएटी) की सुविधा प्रदान करती है|मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि आयोग ई गवरनेन्स विजन २०२० पर काम कर रहा है जिसके तहत सभी हितधारकों को चुनाव के विभिन्न चरणों में समावेशी एकीकृत एकल खिड़की सुविधा की ब्यवस्था होगी|सेमिनार में भारत के उप चुनाव आयुक्त संदीप सक्सेना द्वारा मुख्य प्रस्तुति के अलावा अल्बानिया, ब्राजील, बुर्किना फासो, डोमिनिकन गणराज्य, केन्या, किर्गिज गणराज्य,रोमानिया, कोरिया, दक्षिण अफ्रीका और बोस्निया और हर्जेगोविना द्वारा भी अपनी –अपनी प्रस्तुति पेश की गई|विभिन्न देशों की प्रस्तुतियों का मूल देशों द्वारा मतदाता पंजीकरण, बायोमेट्रिक पंजीकरण,पहचान प्रणाली, डाटा प्रेषण, मतदान और गणना,पारदर्शिता और सुरक्षा में उपयोग की जानेवाली तरह-तरह की तकनीक था|सेमिनार की कार्यवाही का सारांश पेश करते हुए भारत चुनाव आयोग के महानिदेशक सुदीप जैन ने प्रत्येक देशों द्वारा चुनाव के विभिन्न चरणों में प्रयोग की जाने वाली तकनीक और नवाचार को मिल रही चुनौतियों और उनके भविष्य का रेखांकित किया|विश्व चुनाव संघ इकाई के महासचिव किम योंग ही ने भारत के चुनाव आयोग को इस तरह के समिनार आयोजन के लिए धन्यवाद दिया और सामाजिक रूप से तकनीक को स्वीकार की सुनिश्चित करने तथा बेहतर संचार प्रणाली का विकास करने पर जोर दिया|अपने समापन भाषण में मुख्य चुनाव आयुक्त डा. नसीम जैदी ने सेमिनार में भाग लेने वाले देशों के प्रतिनिधियों का अनुभव बांटने तथा ब्यवहारिक योगदान के लिए धन्यवाद किया|उन्होंने कहा कि इस सेमिनार से यह पता चला कि तकनीक का प्रयोग स्थानीय जरूरतों,स्थितियों और सामाजिक माहौल के अनुसार होना चाहिए|जब हम सही तकनीक का प्रयोग करते हैं तो सटीक,तीव्र तथा कुशल चुनाव प्रक्रिया मिलती है,लेकिन यह विक्रेता प्रेरित या दिखावे के लिए नहीं होनी चाहिए|तकनीक को पेश करने से पहले कुछ समय तक इसका परीक्षण किया जाना चाहिए और इसके बाद पायलेट प्रोजक्ट के रूप में प्रयोग किया जाना चाहिए|उन्होंने सुझाव दिया कि एडब्लूयूईबी को इस दिशा में प्रयुक्त सर्वश्रेष्ठ तकनीक और कार्यों का दस्तावजीकरण कर क्षमता निर्माण के लिए इसको बढ़ावा दिया जाना चाहिए |