जिलाधिकारी ने अंचल अधिकारी को लगाया पांच हजार का दंड

पटना : जिलाधिकारी, पटना डॉ.चंद्रशेखर सिंह द्वारा आज अपने कार्यालय-कक्ष में “बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम,” 2015 के तहत द्वितीय अपील में शिकायतों की सुनवाई की गयी और उसका निवारण किया गया|शिकायत निवारण में लापरवाही बरतने के आरोप में एक लोक प्राधिकार के विरूद्ध पांच हजार रूपया का अर्थदंड लगाया गया|डीएम डॉ. सिंह द्वारा आज लोक शिकायत के कुल 17 मामलों की सुनवाई की गई,10 मामलों का ऑन द स्पॉट निवारण किया गया तथा 07 मामलों में अंतरिम आदेश पारित किया गया|एक मामले में लोक शिकायत निवारण में लापरवाही,अरूचि एवं संवेदनहीनता के आरोप में लोक प्राधिकार अंचल अधिकारी घोसवरी के विरूद्ध पांच हजार रूपया का दंड लगाया गया|आवेदक संजय कुमार,ग्राम-मोलदियार टोला,पोस्ट-मोकामा,प्रखंड-घोसवरी,अनुमंडल-बाढ़,जिला-पटना द्वारा जिलाधिकारी के समक्ष लोक शिकायत निवारण हेतु द्वितीय अपील में वाद दायर किया गया था,आवेदक की शिकायत जमाबंदी मे मौजा सुधार के संबंध में है|जिलाधिकारी ने सुनवाई में पाया कि लोक प्राधिकार अंचल अधिकारी,घोसवरी मामले के समाधान के प्रति गंभीर नहीं हैं|परिवादी द्वारा अनुमंडल लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी,घोसवरी के समक्ष दिनांक 01.06.2023 को ही परिवाद दायर किया गया था,लगभग आठ माह की अवधि में भी लोक प्राधिकार अंचल अधिकारी,घोसवरी द्वारा ऐसा कोई सार्थक एवं ईमानदार प्रयास नहीं किया जिससे शिकायत का निवारण हो सके,उनके द्वारा कोई प्रतिवेदन भी समर्पित नहीं किया गया है|अभी भी मामला लोक प्राधिकार के स्तर पर ही लंबित है,जिलाधिकारी ने इस पर खेद व्यक्त करते हुए कहा कि लोक प्राधिकार द्वारा लोक शिकायत निवारण में शिथिलता बरती जा रही है,किसी भी अधिकारी का यह व्यवहार लोक शिकायत निवारण की मूल भावना के प्रतिकूल है|लोक प्राधिकार के इस कार्यशैली से आवेदक की समस्या का इतने दिनों में भी समाधान नहीं हो सका है, डीएम ने कहा कि यह लोक प्राधिकार की स्वेच्छाचारिता,शिथिलता तथा संवेदनहीनता को प्रदर्शित करता है|जिलाधिकारी द्वारा इन आरोपों के कारण लोक प्राधिकार अंचल अधिकारी,घोसवरी के विरूद्ध 05 हजार रूपये का दंड अध्यारोपित किया गया|भूमि सुधार उप समाहर्ता,बाढ़ को मामले की समीक्षा करते हुए दोषी पदाधिकारी के विरूद्ध जिम्मेदारी निर्धारण कर प्रपत्र ‘क’ गठित कर उपस्थापित करने का निदेश दिया गया|साथ ही भूमि सुधार उप समाहर्ता,बाढ़ को मामले की पूरी तरह जांच करते हुए परिवादी के शिकायत का नियमानुसार निवारण कर स्पष्ट प्रतिवेदन के साथ सुनवाई की अगली तिथि दिनांक 02 फरवरी, 2024 को उपस्थित रहने का निदेश दिया गया|डीएम डॉ.सिंह ने कहा कि लोक शिकायतों का ससमय तथा गुणवत्तापूर्ण निवारण अत्यावश्यक है,लोक प्राधिकारों को तत्परता प्रदर्शित करनी होगी|डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम,2015 का सफल क्रियान्वयन प्रशासन की सर्वाेच्च प्राथमिकता है|

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