पटना विश्वविद्यालय ने105 वर्षों में अनेक विभूतियों को तैयार किया : राज्यपाल

पटना : महामहिम राज्यपाल फागू चौहान ने स्थानीय श्रीकृष्ण मेमोरियल हाॅल में आयोजित पटना विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह को सम्बोधित करते हुए कहा कि बिहार के शैक्षणिक, सांस्कृतिक, राजनीतिक एवं आर्थिक विकास की दशा एवं दिशा तय करने में पटना विश्वविद्यालय का अमूल्य योगदान रहा है| उन्होंने कहा कि पटना विश्वविद्यालय भारतीय उपमहाद्वीप का आठवां सबसे पुराना विश्वविद्यालय है, जिसका इतिहास सीधे तौर पर आधुनिक बिहार के इतिहास से जुड़ा हुआ है| इस विश्वविद्यालय ने विगत 105 वर्षों में अनेक विभूतियों को तैयार किया है, जिन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में बिहार एवं देश को एक नई राह दिखाई है| यहां के मेधावी एवं प्रतिभाशाली विद्यार्थियों ने भारत एवं विदेशों में विभिन्न महत्त्वपूर्ण पदों पर अपनी सेवायें दी हैं| महामहिम राज्यपाल ने कहा कि पटना  विश्वविद्यालय शिक्षा के क्षेत्र में आज भी अग्रणी भूमिका निभा रहा है, यहां के विद्वान शिक्षकों के कुशल मार्गदर्शन में विद्यार्थीगण अपनी मेहनत से प्रगति का मार्ग प्रशस्त कर रहे हैं| उन्होंने कहा कि इस  विश्वविद्यालय द्वारा कोरोना महामारी के कठिन दौर में सुचारु रूप से ऑनलाईन कक्षायें जारी रखना, आन्तरिक परीक्षाएँ आयोजित करना एवं शिक्षकों द्वारा ऑनलाईन सामग्री तैयार कर विद्यार्थियों को सुलभ कराना अत्यंत सराहनीय है|राज्यपाल ने कहा कि बिहार एक प्रतिभासम्पन्न राज्य है यहां के युवा देश-विदेश में बिहार का परचम लहरा रहे हैं, किन्तु आज उच्च शिक्षा को रोजगारपरक बनाने के लिए गंभीर प्रयास करने की आवश्यकता है| इस हेतु व्यावसायिक शिक्षा और कौशल प्रशिक्षण को उच्च शिक्षा के पाठ्यक्रम में शामिल कर विद्यार्थियों की क्षमता का विकास करना महत्वपूर्ण है, राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 में भी इस बात पर जोर दिया गया है|उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति का उद्देश्य 21वीं सदी की जरूरतों एवं चुनौतियों को ध्यान में रखकर स्कूल और काॅलेज की शिक्षा को अधिक समग्र बनाते हुए भारत को एक ज्ञान आधारित जीवंत समाज और ज्ञान की वैश्विक महाशक्ति में बदलना है| साथ ही, ऐसे युवाओं को तैयार करना है जो तर्कसंगत विचार करने और कार्य करने में सक्षम होने के साथ-साथ उच्च मानवीय मूल्यों को धारण करने की क्षमता रखते हों| समानता, गुणवत्ता, जबाबदेही और सबके लिए आसान पहुंच के आधार स्तम्भों पर तैयार यह नीति नवोन्मेशी, प्रभावी तथा संवादात्मक है, ताकि समावेशी और बहुलतावादी समाज के निर्माण में सहयोग मिल सके|राज्यपाल ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के लागू होने पर शिक्षकों का उत्तरदायित्व काफी बढ़ जायेगा, शिक्षकों को नवीनतम जानकारी रखनी होगी, नई तकनीकों को नियमित रूप से सीखना होगा तथा प्रासंगिक बने रहने के लिए वैश्विक शिक्षण समुदाय के साथ प्रतिस्पर्धा करनी होगी| उन्होंने कहा कि राज्य के सभी विश्वविद्यालयों  को इस दिशा में सचेष्ट रहने की आवश्यकता है| राज्यपाल ने कहा कि छात्र-छात्राओं में विद्वता के साथ-साथ नैतिक मूल्यों को धारण करने एवं उच्चादर्शों पर चलने की यथेष्ट क्षमता होनी चाहिए तथा उन्हें राष्ट्र के विकास और मानवता के कल्याण में अपना सर्वोत्तम योगदान देने का प्रयत्न करना चाहिए|दीक्षांत समारोह में राज्यपाल ने उत्कृष्ट प्रदर्शन करनेवाले छात्र-छात्राओं को स्वर्णपदक एवं प्रमाण-पत्र प्रदान किया,समारोह में राज्यपाल को अंगवस्त्र एवं स्मृति चिन्ह भेंटकर सम्मानित किया गया|समारोह को माननीय शिक्षा मंत्री  विजय कुमार चौधरी एवं भारत पेट्रोलियम काॅरपोरेशन लिमिटेड के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक अरूण कुमार सिंह ने भी संबोधित किया| इस अवसर पर शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह, पटना विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. गिरीश कुमार चौधरी, पटना विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपतिप्रो. अजय कुमार सिंह एवं कुलसचिव कर्नल कामेश कुमार तथा विभिन्न महाविद्यालयों के प्राचार्यगण, विभिन्न संस्थाओं के निदेशकगण, विभिन्न संकायों एवं स्नातकोत्तर विभागों के अध्यक्षगण, विश्वविद्यालय के पदाधिकारीगण, शिक्षकगण एवं कर्मचारीगण तथा अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे|

 

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