मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में बाढ़ एवं सुखाड़ पूर्व तैयारियों की समीक्षा बैठक संपन्न हुई

पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मुख्यमंत्री सचिवालय स्थित ‘संवाद’ में संभावित बाढ़ एवं सुखाड़ की पूर्व तैयारियों की समीक्षा बैठक आयोजित की गयी|बैठक में भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के प्रतिनिधि ने इस वर्ष मॉनसून सत्र के दौरान वर्षापात के पूर्वानुमान की जानकारी देते हुए बताया कि 13 जून तक राज्य में मॉनसून आगमन की संभावना है, इस वर्ष मॉनसून अवधि के दौरान राज्य में सामान्य या सामान्य से अधिक वर्षा होने की संभावना है|आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से संभावित बाढ़ एवं सुखाड़ की पूर्व तैयारियों से संबंधित मुख्य बातों की जानकारी देते हुए बताया कि मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) के अनुसार बाढ़ पूर्व सभी आवश्यक तैयारियां की जा रही हैं| सभी जिलों एवं संबद्ध विभागों को विस्तृत दिशा-निर्देश दिये गये हैं, नाव संचालन, पॉलिथिन शीट, राहत सामग्री की उपलब्धता, दवा, पशुचारा, बाढ़ आश्रय स्थल, सामुदायिक रसोई, ड्राई राशन पैकेट्स/फूड पैकेट्स, जिला आपातकालीन संचालन केंद्र आदि के संबंध में भी विस्तृत जानकारी दी| उन्होंने बताया कि बाढ़ के दौरान बाढ़ राहत शिविरों में बाढ़ पीड़ितों को सभी प्रकार की सुविधायें उपलब्ध करायी जाती है| सामुदायिक रसोई का संचालन बेहतर ढंग से किया जाता है और लोगों को गुणवतापूर्ण भोजन उपलब्ध कराया जाता है,बिहार पहला राज्य है, जहाॅ बाढ़ के दौरान सामुदायिक रसोई का संचालन किया जाता है|जल संसाधन विभाग के सचिव संजय कुमार अग्रवाल, कृषि सह पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग के सचिव एन सरवन कुमार, पथ निर्माण विभाग के सचिव संदीप कुमार आर पुडुकल कट्टी, नगर विकास एवं आवास विभाग के प्रधान सचिव श्री आनंद किशोर, स्वास्थ्य विभाग के प्रभारी अपर मुख्य सचिव श्री ब्रजेश मल्होत्रा, ग्रामीण कार्य विभाग के सचिव श्री पंकज कुमार पाल, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग के सचिव श्री जितेंद्र श्रीवास्तव एवं लघु जल संसाधन विभाग के प्रधान सचिव रवि मनु भाई परमार ने अपने-अपने विभागों द्वारा संभावित बाढ़ एवं सुखाड़ की स्थिति से निपटने को लेकर की गई तैयारियों के संबंध में विस्तृत जानकारी दी|समीक्षा के दौरान सभी जिलों के जिलाधिकारी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अपने-अपने जिलों में संभावित बाढ़ एवं सुखाड़ के संबंध में की जा रही तैयारियों के संबंध में मुख्यमंत्री को विस्तृत जानकारी दी|समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि संबंधित विभागों के पदाधिकारियों एवं जिले के जिलाधिकारियों ने संभावित बाढ़ एवं सुखाड़ की तैयारियों के लिए किए जा रहे कार्यों के संबंध में विस्तृत जानकारी दी है| उन्होंने कहा कि मॉनसून के आगमन के पूर्व सभी तैयारियां ससमय पूरी कर ली जाय|आपदा प्रबंधन विभाग सतत् इसका अनुश्रवण करते रहे, बाढ़ की स्थिति में प्रभावित क्षेत्रों का सही आकलन करवाएं, प्रभावित परिवारों की सूची बनाते समय यह ध्यान रखा जाय कि कोई भी वास्तविक हकदार लाभ से वंचित न रहे| उन्होंने कहा कि जिन जिलों में बाढ़ आश्रय स्थल का निर्माण कार्य पूर्ण नहीं हुआ है, वहाॅ तेजी से इस पर कार्य करें, पिछले वर्ष सामुदायिक रसोई का संचालन बेहतर ढंग से किया गया था,इस वर्ष भी बाढ़ की स्थिति में सामुदायिक रसोई का संचालन बेहतर ढंग से किया जाय|मुख्यमंत्री ने कहा कि बाढ़ से सुरक्षा हेतु बचे हुए सभी कटाव निरोधक कार्य एवं बाढ़ सुरक्षात्मक कार्य को मॉनसून के पहले पूर्ण करें, बाढ़ की स्थिति में तटबंधों की निगरानी हेतु विशेष सतर्कता बरती जाए| निगरानी कार्य में स्थानीय लोगों को लगाएं तथा उनका विशेष प्रशिक्षण कराएं, उन्होंने कहा कि बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में नावों का संचालन ठीक ढंग से हो इसके लिए नावों की पर्याप्त उपलब्धता रखें|बाढ़ के दौरान उपयोग में लाए जानेवाले निजी नावों के भाड़े एवं नाविकों की मजदूरी का भुगतान ससमय सुनिश्चित करें|मुख्यमंत्री ने कहा कि मानव दवा, पशु दवा, सांप काटने की दवा, कुत्ता काटने की दवा, ब्लीचिंग पाउडर, डायरिया की दवा की पर्याप्त उपलब्धता रखें,उन्होंने कहा कि पथ निर्माण एवं ग्रामीण कार्य विभाग बाढ़ के दौरान क्षतिग्रस्त होने वाली सड़कों की मरम्मति की पूर्ण तैयारी रखें|उन्होंने कहा कि विशेष आक्राम्य स्थलों को चिह्नित करें, इसको लेकर जनप्रतिनिधियों एवं स्थानीय लोगों से विचार-विमर्श करें।,पुल/पुलियों के वेंट की साफ-सफाई का कार्य भी मॉनसून के पहले पूर्ण करें, नदियों के गाद की उड़ाही एवं शिल्ट हटाने को लेकर तेजी से कार्य करें, इससे बाढ़ का खतरा भी कम रहेगा और नदियों की जल संग्रहण क्षमता भी बढ़ेगी|जल-जीवन-हरियाली अभियान के तहत सात अवयवों में जल संरक्षण को लेकर कार्य किए जा रहे हैं, इसकी भी सतत् निगरानी करें|बैठक में उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद, उप मुख्यमंत्री सह आपदा प्रबंधन मंत्री श्रीमती रेणु देवी, शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी, ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव, भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी, जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा, कृषि मंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंह, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण मंत्री रामप्रीत पासवान, परिवहन मंत्री शीला कुमारी, राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री रामसूरत कुमार, समाज कल्याण मंत्री मदन सहनी, खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री श्रीमती लेशी सिंह, ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार, गन्ना उद्योग सह विधि मंत्री प्रमोद कुमार, पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी, सहकारिता मंत्री सुबाष सिंह, विज्ञान एवं प्रावैधिकी मंत्री सुमित कुमार सिंह, लघु जल संसाधन मंत्री संतोष कुमार सुमन, कला, संस्कृति एवं युवा विभाग के मंत्री आलोक रंजन, ग्रामीण कार्य मंत्री जयंत राज, बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के उपाध्यक्ष उदयकांत मिश्रा, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सदस्य पीएन राय, बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सदस्य सह मुख्यमंत्री के अतिरिक्त परामर्षी मनीष कुमार वर्मा, मुख्य सचिव आमिर सुबहानी, पुलिस महानिदेशक एसके सिंघल, विकास आयुक्त विवेक कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डाॅ. एस सिद्धार्थ, मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार, संबद्ध विभाग के अपर मुख्य सचिव-प्रधान सचिव-सचिव, अन्य वरीय पदाधिकारीगण एवं एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के पदाधिकारी उपस्थित थे, जबकि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री नीरज कुमार सिंह, खान एवं भूतत्व मंत्री जनक राम, पर्यटन मंत्री नारायण प्रसाद सहित अन्य मंत्रीगण, वरीय पदाधिकारीगण, सभी प्रमंडलीय आयुक्त, सभी रेंज के पुलिस महानिरीक्षक, पुलिस उपमहानिरीक्षक, सभी जिलों के जिलाधिकारी, वरीय पुलिस अधीक्षक-पुलिस अधीक्षक जुड़े हुए थे|

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