महामाया बाबू त्याग एवं बलिदान के प्रतिमूर्ति थे : राजीव रंजन

पटना : जीकेसी (ग्लोबल कायस्थ कॉन्फ्रेंस) आजादी के अमृत महोत्सव पर कायस्थ रत्न रणबांकुरों और अमर स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धापूर्वक याद करने के सिलसिले में व्याख्यानमाला का आयोजन कर रहा है| इसी क्रम में रविवार को  स्थानीय नागेश्वर कॉलोनी में बिहार के पांचवे मुख्यमंत्री और पहले गैर कांग्रेसी मुख्यमंत्री महामाया प्रसाद सिन्हा पर व्याख्यानमाला का आयोजन किया गया|व्याख्यानमाला में ग्लोबल अध्यक्ष राजीव रंजन प्रसाद ने कहा है कि बिहार के पांचवे मुख्यमंत्री और पहले गैर कांग्रेसी मुख्यमंत्री महामाया प्रसाद सिन्हा के आदर्शों को अपनाने की जरूरत है| उन्होंने उनके जीवन, व्यक्तित्व और कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए उनके जीवन और विचारों को आत्मसात करने पर जोर दिया|ग्लोबल अध्यक्ष राजीव रंजन ने कहा कि महामाया बाबू बिहार की राजनीति में त्याग एवं  बलिदान के प्रतिमूर्ति थे, उन्होंने कभी भ्रष्टाचार से समझौता नहीं किया था, जिसका परिणाम था कि उनकी सरकार चली गई| उक्त अवसर पर प्रबंध न्यासी रागिनी रंजन ने कहा कि महामाया बाबु के अंदर एक जज्बा था, जिसमें हमेशा वह युवाओं को लेकर चलना चाहते थे, लेकिन वर्तमान हालात और देश की राजनीति ने इस बुद्धिजीवी चित्रांश राजनेता को मात्र 1 साल तक ही मुख्यमंत्री की कुर्सी पर रहने दिया, जबकि वह एक मिली-जुली सरकार के मुख्यमंत्री के रूप में बिहार के सीएम बने थे और उनके फैसले लोग आज भी याद करते हैं |जीकेसी बिहार की प्रदेश अध्यक्ष डा. नम्रता आनंद ने कहा कि आज महामाया बाबू के आदर्शों को अपनाने की जरूरत है, देश को ऐसे ही ईमानदार एवं निःस्वार्थ लोगों की जरूरत है| इस अवसर पर संजय सिन्हा, राजेश सिन्हा संजू, दिलीप सिन्हा, नीलेश रंजन, सुशील श्रीवास्तव, संजय कुमार सिन्हा, प्रियदर्शी हर्षवर्धन, बलिराम,रवि सिन्हा, शैलेश कुमार, सुशांत सिन्हा, रंजीत सिन्हा, पीयूष श्रीवास्तव, शुभम कुमार, चंदू प्रिंस, संजय कुमार सिन्हा, मनोज कुमार सिन्हा, प्रसुन श्रीवास्तव, धनञ्जय प्रसाद सहित अन्य सदस्यगण उपस्थित थे|

पटना से जितेन्द्र कुमार सिन्हा की रिपोर्ट :-

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