कोरोना वायरस 70 डिग्री C पर मर जाता है : डॉ.कन्नपन

मदुरै : प्रसिद्ध चिकित्सक डॉ. एन.एन. कन्नपन ने बताया है कि ओमीक्रोन से बचाव के लिए सभी लोगों को गर्म पानी पीना चाहिए, गर्म पानी ऐसे भी गले के लिए अच्छा होता है|गर्म पानी पीने से नाक के परानासल साइनस के पीछे छीपे कोरोना वायरस फेफड़ों तक नहीं पहुंच सकता है, अगर ऐसा नहीं करते हैं तो परानासल साइनस के पीछे छीपे वायरस 4-5 दिनों के बाद फेफड़ों तक पहुंच जाता है और श्वास लेने में परेशानी होने लगती है,ऐसी स्थिति होने पर भांप लेना आवश्यक हो जाता है| वायरस को परानासल साइनस तक में मार देना चाहिए, उन्होंने बताया कि प्रायः देखा जाता है कि 50 डिग्री C पर वायरस लकवाग्रस्त हो जाता है यानि निष्क्रीय हो जाता है| 60 डिग्री C पर वायरस से मनुष्य के प्रतिरक्षा सिस्टम लड़ने लगता है और 70 डिग्री C पर वायरस पूरी तरह मर जाता है|डॉ. कन्नपन का कहना है कि जो व्यक्ति घर पर रहता है उसे दिन में एक बार भाप लेना चाहिए, अगर कोई व्यक्ति किराने का सामान, सब्जियाँ आदि खरीदने के लिए बाजार जाते हैं तो उसे दिन में दो बार भाप लेना चाहिए|जो व्यक्ति किसी से मिलते हैं या कार्यालय जाते हैं उन्हें दिन में तीन बार भाप लेना चाहिए,उनका कहना है कि यदि इस महामारी को जल्द खत्म करना है तो सभी लोगों को एक सप्ताह के लिए स्टीम ड्राइव अभियान शुरू करना चाहिए|भारत में ओमिक्रोन की रफ़्तार तेज गति से बढ़ रही है,सबसे ज्यादा मुंबई एवं दिल्ली इससे प्रभावित हो रहा है,बिहार भी इससे अछूता नहीं है| बिहार की राजधानी पटना में सबसे अधिक लोग प्रभावित हो रहे हैं, इसलिए राज्य सरकार एतिहात के तौर पर 6 जनवरी, 2022 से इसकी सुरक्षा के लिए कदम उठाया है,देखा जाये तो कोरोना का नया वैरिएंट ओमीक्रोन 90 देशों में फैल चुका है और विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी इसे ‘‘बैरिएंट ऑफ कंसर्न’’ की श्रेणी में इसे रखा है|यह वैरिएंट बहुत ही संक्रामक है और तेजी से फैलता है,ओमिक्रोन स्ट्रेन के स्पाइक प्रोटीन 30 से भी अधिक म्यूटेशन है, जो पिछले किसी भी स्ट्रेन में नहीं था,इसके विशेषज्ञों का कहना है कि ओमीक्रोन इम्यूनिटी से भी बचने में माहिर है और यही वजह है कि इतनी तेजी से फैल रहा है|ओमीक्रोन में लोगों को बहुत थकान महसूस होता है, गले में चुभन एवं खराश होता है, हल्का बुखार होता है जो स्वतः ठीक भी हो जाता है, रात को पसीना आता है और शरीर में दर्द होता है चिकित्सक का कहना है कि पसीना इतना आता है कि कपड़े और विस्तर दोनो गिला हो जाता है और मरीजों को सूखी खांसी भी हो सकता है|ओमीक्रोन में मरीजों को खाने का स्वाद या सुगंध नहीं जाता है और ना ही बंद या भरी नाक जैसे लक्षण होता है, तेज बुखार भी नहीं होता है और श्वास से जुडे भी कोई समस्या नहीं होती है|आईआईटी कानपुर के प्रो. मनीन्द्र अग्रवाल का कहना है कि जिस रफ्तार से संक्रमण बढ़ रहा है उससे यह संकेत मिलने लगे हैं कि तीसरी लहर बड़ी होगी और जिस तेजी से मामले बढ़ रहे हैं उसी तेजी से घटेंगे|बिहार के मुख्यमंत्री ने ओमीक्रोन के बढ़ते मामले को देखते हुए लोगों से कोरोना गाइडलाइन का पालन सख्ती से करने और विशेष सावधानी बरतने का आह्वान किया है,कोरोना से बच्चों को बचाया जाय इसके लिए बिहार की सभी स्कूल, कॉलेज और कोचिंग संस्थान को बंद कर दिया गया है|सूत्रों के अनुसार पटना के चिकित्सकों का कहना है कि ओमीक्रोन के अधिकतर मरीजों को घर पर ही लक्षण के आधार पर इलाज देकर ठीक किया जा सकता है,इसके लिए वयस्क मरीजों को बुखार है तो वे पैरासिटामोल 650 एमजी ले सकते हैं|अगर बुखार कई दिन तक रहता है तो अपने चिकित्सक से सलाह से नॉन स्टैरॉइड दवा नेप्रोक्सिन 250 एमजी का इस्तेमाल कर सकते हैं|अगर सर्दी या जुकाम के लक्षण है तो सीट्राजीन 10 एमजी या लिवोसीट्राजीन 5 एमजी का इस्तेमाल कर सकते हैं,खांसी होने पर कफसीरफ का इस्तेमाल कर सकते हैं|

जितेन्द्र कुमार सिन्हा की रिपोर्ट :-

 

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