पटना : स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि राज्य सरकार गंभीर बीमारियों की रोकथाम एवं उपचार को लेकर काफी सचेत और सजग है|nइस कड़ी में राज्य के सभी जिलों के अंदर युवाओं और आमजनों को एचआईवी एवं एड्स के प्रति जागरूक करने के लिए सघन जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है| यह अभियान दो महीने तक संचालित होगा,जो विगत 12 अगस्त से शुरू होकर आगामी 12 अक्टूबर तक चलेगा| इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य एचआईवी और एड्स के बारे में व्यापक जागरूकता बढ़ाने की दिशा में गतिविधियों को तेज करना है, साथ ही एचआईवी के संचरण के मार्गों के बारे में जानकारी को बढ़ावा देना| इससे जुड़े जोखिमों को जानना, यौन प्रसारित संक्रमण सेवाओं के बारे में जानकारी देना एवं एचआईवी/ एड्स ( रोकथाम अधिनियम) 2017 के संबंध में जानकारी को बढ़ावा देना है| इस प्रयास से एचआईवी संक्रमित एवं प्रभावित व्यक्तियों के साथ हो रहे भेदभाव को कम करने में सफलता मिलेगी एवं उनके जीवन में गुणवत्तापूर्ण सुधार भी लाया जा सकेगा|श्री पांडेय ने कहा कि सघन अभियान के दौरान राज्य में विभिन्न तरह की गतिविधियां आयोजित की जाएगी, जिसमें कम से कम 200 गांव प्रति जिला में आठ सप्ताह( 12 अगस्त से 12 अक्टूबर, 2024) तक किया जाएगा। इस दौरान सभी जिलों में एचआईवी/एड्स तथा यौन रोग से बचाव व नियंत्रण के लिए ग्रामीण स्तर पर जागरूकता बैठक आयोजित कर आमजनों को जागरूक किया जाएगा| इसके अलावे जागरूकता रैली, नुक्कड़ नाटक,आयुष्मान आरोग्य मंदिर केंद्र (एचडब्ल्यूसी) के माध्यम से प्रचार – प्रसार और परिचर्चा का आयोजन कर युवाओं एवं आमजनों को जागरूक करने का निर्देश दिया गया है| साथ ही सभी विश्वविद्यालयों एवं कॉलेजों में जागरूकता सत्र आयोजित कर उन्हें एचआईवी/एड्स पर जागरूक किया जाएगा| वहीं जीविका के द्वारा सेल्फ हेल्प ग्रुप के सदस्यों के बीच महिलाओं के साथ एचआईवी/एड्स तथा यौन रोग पर परिचर्चा भी की जाएगी|श्री पांडेय ने कहा कि वीएचएसएनडी साइट के माध्यम से जागरूकता अभियान चलाकर आमजनों एचआईवी/एड्स तथा यौन रोग से बचाव व नियंत्रण के लिए जागरूक करने का निर्देश दिया गया है| इसके साथ-साथ राज्य के सभी कारा (जेलों) में भी जागरूकता कार्यक्रम चलाने के लिए निर्देशित किया गया है| इन जागरूकता गतिविधियों को संचालित करने के लिए जिलों के विभिन्न विभागों के साथ समन्वय स्थापित करने के निर्देश दिए गए है| इस अभियान के लिए संचारी रोग पदाधिकारी-सह जिला एड्स नियंत्रण पदाधिकारी को नोडल पदाधिकारी के रूप में नामित किया गया है|