दुग्ध उत्पाद के नवीनतम विषय पर एक दिवसीय संगोष्ठी संपन्न

पटना : स्थानीय बामेती के प्रागंण में ग्रामीण स्तर पर देशी दुग्ध उत्पाद के नवीनतम विकास विषय पर एक दिवसीय संगोष्ठी कार्यक्र्रम संपन्न हुआ|इस संगोष्ठी कार्यक्र्रम का शुभारंभ डाॅ. जितेन्द्र प्रसाद निदेशक बामेती एवं संयुक्त निदेशक एवं पूर्व निदेशक डॅा.आरआरबी सिंह, राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान करनाल ,कार्यक्र्रम का संचालन श्रीमति अंजली वर्मा उप निदेशक (मत्स्य), बामेती के द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया|ग्रामीण स्तर पर देसी दुग्ध उत्पाद के नवीनतम विकास विषय पर संगोष्ठी में डेयरी के क्षेत्र में देश के सर्वोत्म संस्थान राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान करनाल के संयुक्त निदेशक एवं पूर्व निदेशक डॅा.आरआरबी सिंह, बिहार सरकार के निदेशक डेयरी विकास संजय कुमार, समस्तीपुर डेयरी प्रोजेक्ट के प्रबंध निदेशक डीके श्रीवास्तव, शरदा के मुख्य कार्यकारी अधिकारी नरेश प्रसाद, मुजफ्फरपुर डेयरी के पूर्व प्रबंध निदेशक अरबिन्द कुमार, डेयरी प्रोजेक्ट के वैज्ञानिक डाॅ. रिधमा प्रसाद, जिले के प्रखंड तकनीकी प्रबंधक-सहायक तकनीकी प्रबंधक कम्फेड के तकनीकी अधिकारी एवं विभिन्न जिलों से आए प्रगतिशील डेयरी कृषक ने भाग लिया|इस अवसर पर डाॅ.आरआरबी सिंह ने अपने लम्बे अनुभव को साझा करते हुए कहा कि देश के कुल विपणन योग्य अधिशेष दुग्ध का लगभग 50 प्रतिशत सिधे तरल दुध के रूप में, 35 प्रतिशत देशी दुग्ध उत्पाद बनाने में एवम 15 प्रतिशत विदेशी दुग्ध पदार्थ जैसे, दुग्ध पाउडर, चीज, बेबी फूड इत्यादि बनाने में होता है|आज डेयरी ने जीविका को सशक्त करने में बल्कि ग्रमीण परिवेश में रोजगार का सर्वोत्तम विकल्प के रूप में उपलब्ध है,बिहार में दुग्ध उत्पादन में वृद्वि का दर पिछले 15-17 वर्षो में 8 प्रतिशत रही है, जो देश में अधिक्तम है|मादा गोजातीय जनसंख्या में पिछले 15 वर्षो में एक करोड से ज्यादा वृद्वि हुइ है, जो पुरे राष्ट्र में हुइ वृद्वि की 35 प्रतिशत है| इससे यह साफ  है कि बिहार में किसान डेरी को बडे स्तर पर अपना रहा है|

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