देश में कहीं भी पशुओं का विश्वविद्यालय नहीं था : मुख्यमंत्री

पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय परिसर में 889.26 करोड़ रूपये की बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के नये भवनों अनावरण एवं शिलान्यास कर कार्यारंभ किया|इस अवसर पर दशरथ मांझी श्रम एवं नियोजन अध्ययन संस्थान के ऑडिटोरियम में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इस कार्यक्रम में उपस्थित सभी लोगों का मैं अभिनंदन करता हूं|बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के भवनों का आज शिलान्यास हुआ है, मुझे काफी खुशी है,देश में कहीं भी पशुओं का कोई विश्वविद्यालय नहीं था, पशुओं के नाम पर हमलोगों ने बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय बिहार में बनाया है| मुख्यमंत्री ने कहा कि पूसा के राजेंद्र कृषि विश्वविद्यालय को केंद्रीय विश्वविद्यालय बनाया गया जिसके लिए हमलोगों ने काफी प्रयास किया था| वर्ष 2010 में भागलपुर के सबौर में कृषि विश्वविद्यालय शुरू किया गया, अनेक जगहों पर कई इंस्टीट्यूशन का निर्माण कराया गया| पटना में एक पशु चिकित्सा महाविद्यालय पहले से था, इसके अलावा किशनगंज में डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम के नाम पर एक कृषि महाविद्यालय बनाया गया, जिसमें फिशरीज काॅलेज और वेटनरी कॉलेज भी बनाया गया है, यह सब बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के अधीन है|मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय में बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं अध्ययन कर रहे हैं, पशुओं की चिकित्सा का भी कार्य किया जा रहा है|हमलोगों ने कृषि के विकास को लेकर कृषि विशेषज्ञों एवं किसानों की सलाह से कृषि रोड मैप बनाया, अभी तीसरा कृषि रोड मैप लागू है|उन्होंने कहा कि भवन का निर्माण अच्छे ढंग से जल्द कराएं ताकि पढ़नेवाले और पढ़ानेवालों को सुविधा हो| बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के भवनों के निर्माण के अंतर्गत अकादमिक एवं प्रशासनिक भवन, आधुनिक पशु चिकित्सालय एवं पशु प्रजनन केंद्र, किसान प्रशिक्षण केंद्र और छात्र-छात्राओं के लिए हॉस्टल एवं खेल परिसर का निर्माण कराया जायेगा|विश्वविद्यालय के कर्मियों के लिए आवासीय परिसर का निर्माण कराया जाएगा जिससे उन्हें कोई असुविधा नहीं हो|उन्होंने कहा कि छात्र-छात्राओं को पढ़ाई के साथ-साथ ठीक ढंग से रहने एवं खेलने की भी सुविधा का ख्याल रखा गया है,भवन निर्माण विभाग निर्माण कार्य को लेकर विशेष ध्यान दे और तेजी से काम पूर्ण करे|मुख्यमंत्री ने कहा कि कृषि रोड मैप के कारण राज्य में चावल, गेहूं, मक्का और दूध का उत्पादन बढ़ा है,अंडा का उत्पादन लगभग ढाई गुना हो गया है, मांस उत्पादन दुगुना से भी ज्यादा हो गया|मछली उत्पादन का लक्ष्य 8 लाख मीट्रिक टन का रखा था, जिसमें से 7 लाख 61 हजार मीट्रिक टन मछली का उत्पादन हो रहा है,बिहार में बाहर से मछली न के बराबर आती है, अब मछली बिहार से बाहर भी भेजी जा रही है|मुख्यमंत्री ने कहा कि सात निश्चय-2 के तहत 8 से 10 पंचायतों के लिये एक पशु अस्पताल बनाने का निर्णय लिया गया है जिससे पशुओं को किसी प्रकार की समस्या न हो, पशुओं के लिए चिकित्सा सुविधा, टीकाकरण, कृत्रिम गर्भाधान, कृमिनाशन, डोर स्टेप डिलीवरी आदि कार्यों की व्यवस्था की जा रही है|उन्होंने कहा कि बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय का भवन बेहतर ढंग से बनेगा तो जो भी बाहर से आकर देखेंगे वो इससे प्रभावित होंगे, यहां पढ़नेवाले बेहतर ढंग से पढ़ाई करेंगे,विश्वविद्यालय को किसी प्रकार के सहयोग की जरूरत होगी तो मदद की जाएगी| बिहार का क्षेत्रफल कम है आबादी अधिक है फिर भी विकास के कई कार्य किए जा रहे हैं, उन्होंने कहा कि बिहार तरक्की कर रहा है और आगे भी बढ़ते रहेगा|कार्यक्रम को उप मुख्यमंत्री सह पशु एवं मत्स्य संसाधन मंत्री तारकिशोर प्रसाद, भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी, कृषि सह पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग के सचिव एन सरवन कुमार, भवन निर्माण विभाग के सचिव कुमार रवि, बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. रामेश्वर सिंह ने भी संबोधित किया|इस अवसर पर विधायक संजीव चौरसिया, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, मुख्यमंत्री के विशेष कार्यपदाधिकारी गोपाल सिंह, पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग के विशेष सचिव केशवेंद्र कुमार, कॉम्फेड की प्रबंध निदेशक श्रीमती शिखा श्रीवास्तव, बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के कुलसचिव कैप्टन बंदोपाध्याय सहित अन्य शिक्षकगण, पशु वैज्ञानिक, पशु चिकित्सक एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित थीं|

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