एग्रीकल्चर एक्सपोर्ट से किसानों की बढ़ेगी आमदनी : मुख्यमंत्री

पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के समक्ष एक अणे मार्ग स्थित संकल्प में कृषि विभाग द्वारा एग्रीकल्चरल मार्केटिंग इनिशिएटिव के क्षेत्र में किए जा रहे कार्यों के संबंध में तथा एग्रीकल्चरल मार्केटिंग में भविष्य की योजनाओं पर भी विस्तृत जानकारी दी गई|बैठक में कृषि विभाग के सचिव एन सरवन कुमार ने अपने प्रस्तुतीकरण में एग्रीकल्चरल मार्केटिंग इनिशिएटिव के क्षेत्र में किए जा रहे कार्यों तथा भविष्य की योजनाओं के संबंध में विस्तृत जानकारी दी|इस दौरान उन्होंने बिहार एग्री एक्सपोर्ट पॉलिसी, बाजार समितियों के आधारभूत ढांचागत विकास, कृषि बाजार प्रांगण में परिसंपत्तियों के आवंटन के नियम, एग्री मार्केट इन्फॉर्मेंशन सिस्टम, राज्य में ई-नैम का क्रियान्वयन, रुल्स फॉर कॉन्टैक्ट फॉर्मिंग, बिहार एग्रीकल्चरल प्रोड्यूस वैल्यू एडिशन सिस्टम का सुदृढ़ीकरण तथा किसान उत्पादक संगठन को प्रोत्साहित करने के संबंध में  जानकारियां  दी| कृषि सचिव ने बताया कि वर्ष 2006 में जहां एग्रीकल्चर एक्सपोर्ट तीन करोड़ रुपए का था, वो वर्ष 2020 में बढ़कर 2,617 करोड़ का हो गया|बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में किसानों के हित में लगातार कार्य किए जा रहे हैं,अब तक तीन कृषि रोड मैप बनाये गये हैं, कृषि रोड मैप बनाने के पूर्व किसान पंचायत के माध्यम से बड़ी संख्या में किसानों के सुझाव एवं सलाह लिए जाते हैं, जो कृषि रोड मैप बनाने में काफी महत्पूर्ण होते हैं|उन्होंने कहा कि राज्य में फसलों का उत्पादन एवं उत्पादकता दोनों बढ़ी है,मखाना, चावल, गेहूं, मक्का फसलों का प्रोड्क्शन काफी बढ़ा है|बिहार के लोगों की आमदनी का बड़ा आधार कृषि कार्य है,हमलोगों का लक्ष्य सिर्फ फसलों का उत्पादन और उत्पादकता बढ़ाना ही नहीं है बल्कि किसानों की आमदनी भी बढ़ाना है|मुख्यमंत्री ने कहा कि एग्रीकल्चर एक्सपोर्ट को तेजी से प्रमोट करें,एग्रीकल्चर एक्सपोर्ट में वृद्धि होने से किसानों की आमदनी बढ़ेगी,यहां के एग्रीकल्चर मार्केट को बेहतर ढ़ंग से ऑर्गेनाइज और डेवलप करना है|उन्होंने कहा कि बिहार में कॉन्ट्रैक्ट फॉर्मिंग परितंत्र तेजी से विकसित हो रहा है,हमने मोतिहारी में जाकर आलू अनुबंध कृषि मॉडल का मुआयना किया था, जो काफी अच्छा था साथ ही इस कार्य से जुड़े किसानों की जानकारी से मैं काफी प्रभावित हुआ था| उन्होंने कहा कि वर्ष 2006 से ही कृषि शिक्षा के क्षेत्र में पहल किए गए हैं, नए विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों की स्थापना की गई है, इससे राज्य के छात्रों में कृषि शिक्षा के प्रति आकर्षण बढ़ा है|बैठक में कृषि मंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, मुख्य सचिव त्रिपुरारी शरण, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार, कृषि विभाग के सचिव एन सरवन कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार, कृषि निदेशक आदेश तितरमारे एवं मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी  गोपाल सिंह उपस्थित थे|

 

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