कीमत बढ़ने से किसानों को होगा फायदा : तारकिशोर

पटना : आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने वर्ष 2021-22 के लिए सभी खरीफ फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में बढ़ोतरी की स्वीकृति  दी है,उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने खरीफ फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी के लिए केंद्र सरकार के प्रति आभार प्रकट किया है|उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति द्वारा लिया गया निर्णय भारत के मेहनती किसानों के हित में है,इससे उनकी फसलों का उचित मूल्य मिल सकेगा|उन्होंने कहा कि आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति द्वारा सामान्य धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य पूर्व वर्ष की अपेक्षा 1868 से बढ़ाकर 1940 प्रति क्विंटल किया गया है, ग्रेड-ए धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य 1888 रुपए प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 1960 प्रति क्विंटल किया गया है,यह बढ़ोतरी पिछले वर्ष की तुलना में 72 रुपये अधिक है|उन्होंने बताया कि मक्का का न्यूनतम समर्थन मूल्य में 20 की बढ़ोतरी करते हुए 1870 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है,दलहन फसल में अरहर और उड़द के न्यूनतम समर्थन मूल्य में पिछले साल की तुलना में 300 रुपये की वृद्धि की गई है, वर्ष 2021-22 में अरहर और उड़द का न्यूनतम समर्थन मूल्य 6300 प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है,मूंग का न्यूनतम समर्थन मूल्य में 79 रुपये की वृद्धि करते हुए 7275 प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है|पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष 2021-22 में सबसे अधिक तिल के न्यूनतम समर्थन मूल्य में 452 रुपये प्रति क्विंटल तथा अरहर और उड़द में 300 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि की गई है, इसी प्रकार मूंगफली के एमएसपी में 275 रुपये की वृद्धि करते हुए 5550 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है|उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने किसानों को उनकी उपज के लिए लाभकारी मूल्य सुनिश्चित करने के उद्देश्य से खरीफ फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी की है, इससे उनकी आय में वृद्धि के साथ ही किसानों को उनके उत्पादनों का बेहतर मूल्य प्राप्त होगा|

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