सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली से फसल उत्पादन में होती है वृद्धि : प्रेम

पटना : जलवायु परिवर्तन के परिप्रेक्ष्य में कम पानी से अधिक फसल उत्पादन करने को लेकर राज्य में प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना,सूक्ष्म सिंचाई का कार्यान्वयन एवं किसानों को अनुदान भुगतान डीबीटी के माध्यम से किया जा रहा है|राज्य सरकार अतिरिक्त राज्यांश उपलब्ध कराते हुए ड्रीप सिंचाई पद्धति हेतु 90 प्रतिशत तथा स्प्रिंकलर सिंचाई पद्धति के लिए 75 प्रतिशत अनुदान सभी श्रेणी के किसानों को उपलब्ध करा रही है|किसान अपनी स्वेच्छा से अनुदान राशि घटाकर शेष राशि भुगतान कर इस योजना का लाभ ले सकते हैं,डीबीटी पोर्टल पर इस योजना के अंतर्गत अभी तक 10,198 किसानों के द्वारा ऑनलाईन आवेदन किया गया है|कृषि मंत्री डॉ.प्रेम कुमार ने कहा कि सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली से फसलों के उत्पादकता में वृद्धि एवं पानी की बचत होती है|तीसरे कृषि रोड मैप 2017-22 में फसलों की सिंचाई के लिए सूक्ष्म सिंचाई पद्धति पर विशेष ध्यान दिया गया है,इस पद्धति से फसलों की सिंचाई करने पर फसल की उत्पादकता में 50 प्रतिशत तक की वृद्धि होती है,साथ ही पारंपरिक सिंचाई की तुलना में 60 प्रतिशत पानी की बचत भी होती है|मंत्री ने कहा कि सूक्ष्म सिंचाई एक उन्नत सिंचाई प्रणाली है,जिसके द्वारा पौधे की जड़ क्षेत्र में विशेष रूप से निर्मित प्लास्टिक पाईपों द्वारा एक निश्चित अन्तराल पर पानी दिया जाता है|इस प्रणाली के अन्तर्गत ड्रीप सिंचाई पद्धति,स्प्रिंकलर सिंचाई पद्धति एवं रेनगन सिंचाई पद्धति का उपयोग किया जाता है,इसके अन्तर्गत जल वितरण लाईनों और साज-सामान कन्ट्रोल हेड प्रणाली एवं उर्वरक टैंक रहते हैं|इस सिंचाई प्रणाली से फसल की उत्पादकता में 25 से 35 प्रतिशत की वृद्धि होती है,तथा उत्पादन की गुणवता भी उच्च होती है|इस सिंचाई प्रणाली से मजदूरी की लागत खर्च में कमी के साथ-साथ पौधों पर रोगों के प्रकोप में भी कमी आती है|श्री कुमार ने कहा कि इस प्रणाली को अपनाने से लगभग 25 से 30 प्रतिशत उर्वरक की बचत होने के साथ ही 30 से 35 प्रतिशत लागत में कमी होती है|भारत सरकार द्वारा वर्ष 2015-16 में इस सिंचाई प्रणाली को बढ़ावा देने हेतु प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना प्रारंभ की गयी है|वर्तमान में बिहार में भी यह सिंचाई प्रणाली अपनाया जा रहा है,कृषि रोड मैप, वर्ष 2017-22 में इस प्रणाली को कम-से-कम कुल आच्छादन क्षेत्र के लगभग 2 प्रतिशत क्षेत्र में प्रतिष्ठापित किये जाने का लक्ष्य रखा गया है|

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