पटना : कृषि मंत्री डाॅ.प्रेम कुमार ने कहा कि जलवायु परिवर्तन के कारण कृषि के समक्ष उत्पन्न समस्याओं के समाधान हेतु क्लाईमेंट स्मार्ट योजना चलाई जा रही हैं,क्लाईमेट स्मार्ट भिलेज परियोजना के क्रियान्वयन के लिए राज्य स्तर पर प्रथम चरण में कुल 4 कोरिडोर पूर्णिया-कटिहार,समस्तीपुर-दरभंग, पटना-बिहार शरीफ एवं भागलपुर-मुंगेर हाइवे का चयन किया गया है|बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर भागलपुर,डाॅ.राजेन्द्र प्रसाद केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा, समस्तीपुर एवं पटना स्थित भारतीय अनुसंधान संस्थान चयनित गांवों में किसानों को प्रशिक्षित करेंगे|सरकार द्वारा 4 कोरिडोर को कार्य के निष्पादन हेतु प्रत्येक कोरिडोर 1,69,75,600 रू. की दर से कुल 6,79,02,400 रू.सभी कोरिडोर को उपलब्ध कराया गया है,जिसमें प्रत्येक कलस्टर में 25 गांव तथा प्रत्येक गांव में 100 किसानों का चयन किया जा रहा है,कुल 100 गांवों में 2500 किसानों को क्लाईमेंट स्मार्ट किसान बनाने का लक्ष्य है|मंत्री ने कहा कि बिहार के किसानों के लिए संरक्षित खेती पर आधारित फसल संघनीकरण के तकनीकों का प्रशिक्षण तथा प्रत्यक्षण आयोजित किया जायेगा, लगभग 2,500 किसान प्रतिवर्ष संरक्षित खेती पर आधारित स्थायी फसल संघनीकरण की तकनीकों का प्रशिक्षण पा सकेंगे|मंत्री डाॅ.कुमार ने कहा कि आज कृषि के बदलते परिवेश,बढ़ती जनसंख्या का दबाव एवं जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों के बीच किसानों की आमदनी को बढ़ाना काफी चुनौतीपूर्ण कार्य हो गया है|इस वर्ष राज्य के 24 जिलों के 275 प्रखण्डों में बड़े पैमाने पर सुखाड़ से फसलों की क्षति हुई,इन परिस्थितियों के बीच हमें किसानों की आमदनी भी बढ़ानी है|इन परिस्थितियों से निपटने के लिए कृषि में नये-नये अनुसंधान की आवश्यकता है|