संगीतकार शैलेंद्र का मूल्यांकन देर से हो पाया

पटना : संगीतकार शैलेंद्र गीत और फिल्म दोनों ही माध्यमों में अपने किस्म की विरले प्रतिभा थे, यह दुखद है कि उनका मूल्यांकन बहुत देर से हो पाया| इस बात की चर्चा गीतकार शैलेंद्र की जन्मशती समारोह में आयोजित संगोष्ठी में शामिल वक्ताओं द्वारा कही गई| इफको, सत्राची और जगजीवन राम संसदीय अध्ययन एवं राजनीतिक शोध संस्थान पटना की पहल पर आयोजित इस एक दिवसीय कार्यक्रम को दर्जनों वक्ताओं ने संबोधित किया|दो सत्रों में आयोजित इस समारोह का पहला सत्र गीतकार शैलेंद्र, सिनेमा में साहित्य की खुशबू’ विषय पर आयोजित था जिसकी अध्यक्षता आलोचक रविभूषण ने की| इस सत्र को डॉ इंद्रजीत,यादवेंद्र, नलिन विकास और नरेद्र पाठक ने संबोधित किया|समारोह का दूसरा सत्र शैलेंद्र और रेणु की जुगलबंदी सदर्भ तीसरी कसम सत्र की अध्यक्षता बिहार विधान परिषद सदस्य प्रो. (डॉ.) रामवचन राय ने की, इस सत्र को शैलेंद्र की बेटी अमला शैलेंद्र मजूमदार और रेणु की सुपुत्री नवनीता सिन्हा के अलावे पुष्पेंद्र, अनंत सिन्हा, नलिन विकास, सफदर इमाम कादरी बोधित किया| समारोह का संचालन डॉ. मो. दानिश ने किया, समारोह में श्रीकांत, राजेश ठाकुर, सचिन, अनिता, विनय कुमार सिंह, डॉ. बिनोद पाल, विनय सौरभ, फिरोज मंसूरी, अरविंद कुमार सहित कई सारे संस्कृतिकर्मी उपस्थित थे|

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