एनएचआरसी द्वारा खेल और मानव अधिकार पर किया जाएगा एक दिवसीय चर्चा

नई दिल्ली : राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग 16 अक्टूबर, 2023 को नेताजी सुभाष राष्ट्रीय खेल संस्थान पटियाला के संयुक्त तत्वाधान में खेल और मानव अधिकार विषय पर एक दिवसीय ओपन हाउस चर्चा का आयोजन करेगा |मानव अधिकारों और खेलों का परस्पर संबंध एक बहुआयामी और गतिशील क्षेत्र है जो एथलेटिक प्रतियोगिता की सीमाओं से परे है, जबकि खेल समानता, गैर-भेदभाव और समावेशिता जैसे मौलिक मानव अधिकार मूल्यों को बढ़ावा देने में सक्षम है| खेल विभिन्न चुनौतियों और जटिलताताओं को भी चिन्हित करते हैं जो विचारशील चिंतन की जरूरत है|राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने खेल सहित जीवन के विभिन्न पहलुओं में मानव अधिकारों के संरक्षण एवं संवर्धन में हमेशा महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है| एनएचआरसी जन जागरूकता भी बढ़ाता है, मानव अधिकार मानकों के अनुपालन की निगरानी करता है, एवं उन नीतियों और सुधारों का समर्थन करता है जो लैंगिक समानता और खेलों में दुर्व्यवहार से सुरक्षा को बढ़ावा देते हैं, साथ ही न्यायसंगत और सम्मानजनक खेल वातावरण में योगदान करते हैं|ओपन हाउस चर्चा के लिए दो एजेंडे निर्धारित किए गए हैं पहला सत्र ‘खेलों में यौन उत्पीड़न को संबोधित करना, भारत में खेल महासंघों की निवारक भूमिका’ पर आधारित होगा| यौन उत्पीड़न एक व्यापक मुद्दा है जो खेल की दुनिया सहित जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में व्यक्तियों को प्रभावित करता है| भारत और दुनिया भर में एथलीटों, प्रशिक्षकों और सहायक कर्मचारियों को यौन उत्पीड़न की घटनाओं का सामना करना पड़ता है, जिसके गंभीर शारीरिक और मनोवैज्ञानिक परिणाम हुए हैं|इस समस्या से निपटने के लिए, भारत में खेल संघों और सरकारों के लिए निवारक उपाय करना और खेल में शामिल सभी लोगों के लिए एक सुरक्षित वातावरण बनाना महत्वपूर्ण है|दूसरा सत्र “खेलों में निष्पक्ष चयन चयन प्रक्रिया में सभी के लिए शामिल होने का अधिकार” विषय पर आधारित होगा, खेलों में निष्पक्ष चयन एक बुनियादी सिद्धांत है जो यह सुनिश्चित करता है कि एथलीटों का चयन योग्यता के आधार पर किया जाए न कि भेदभाव, पूर्वाग्रह या पक्षपात के आधार पर| सभी एथलीटों के लिए चयन प्रक्रिया में भाग लेने का अधिकार न केवल एक नैतिक अनिवार्यता है, बल्कि कई खेल संगठनों में कानूनी दायित्व भी है|खेलों में निष्पक्ष चयन के महत्व और इसे रेखांकित करने वाले सिद्धांतों पर गहराई से विचार करने की आवश्यकता है|चयन प्रक्रिया में समान अवसर होना चाहिए, जो सभी योग्य एथलीटों को उचित अवसर की गारंटी दे, और यह जेंडर, धर्म, जाति, नस्ल, आयु, दिव्यंग्यता, या किसी अन्य विशेषता के आधार पर सभी बाधाओं को समाप्त करे|ओपन हाउस चर्चा की अध्यक्षता एनएचआरसी, सदस्य डॉ. ज्ञानेश्वर मनोहर मुले करेंगे, संयुक्त सचिव देवेन्द्र कुमार निम और एनएचआरसी के अन्य अधिकारी सम्मेलन में भाग लेंगे| ओपन हाउस चर्चा में भाग लेने वालों में भारतीय खेल प्राधिकरण, युवा मामले और खेल मंत्रालय के प्रतिनिधि, एथलीट, खेल महासंघों के प्रतिनिधि, कोच और शिक्षा जगत के अन्य डोमेन विशेषज्ञ शामिल  होंगे |

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