बिहार के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को नोटिस

नई दिल्ली : राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग ने बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में तीन पुलिस कर्मियों द्वारा सड़क दुर्घटना पीड़ित के मृत शरीर को नहर में फेंकने के बारे में मीडिया रिपोर्टों पर स्वत: संज्ञान लिया है| आयोग ने पाया है कि मीडिया रिपोर्ट यदि सत्य है तो यह मृतक के मानव अधिकारों का घोर उल्लंघन है,किसी व्यक्ति की मृत्यु से उसके मानवाधिकार खत्म नहीं हो जाते हैं मृतक भी सम्मानजनक व्यवहार के पात्र हैं| मीडिया रिपोर्टों के अनुसार प्रथम दृष्टया इस मामले में पुलिस कर्मियों ने मानवीय मूल्यों का उल्लंघन करके असभ्यतापूर्ण कार्य किया है| आयोग ने बिहार के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को नोटिस जारी कर चार सप्ताह के भीतर मामले में विस्तृत रिपोर्ट मांगी है| रिपोर्ट में उन पुलिस कर्मियों के खिलाफ की गई कार्रवाई भी शामिल होनी चाहिए जो अमानवीय तरीके से एक शव के अपमान के लिए जिम्मेदार थे तथा शवों की मानवीय गरिमा और अधिकारों के संरक्षण के लिए 14 मई 2021 को जारी एनएचआरसी परामर्शी के कार्यान्वयन पर राज्य द्वारा उठाए गए कदम भी शामिल होने चाहिए| परामर्शी में शवों के संरक्षण के साथ-साथ गरिमापूर्ण तरीके से दाह संस्कार/दफनाने सहित शवों के निपटान में मानवीय दृष्टिकोण के साथ पालन किए जाने वाले आवश्यक प्रोटोकॉल शामिल हैं| 08 अक्टूबर 2023 को प्रसारित मीडिया रिपोर्टों के अनुसार वीडियो में दो पुलिसकर्मियों को मुजफ्फरपुर जिले के फकुली चौकी क्षेत्र में एक दुर्घटना के शिकार व्यक्ति के खून से लथपथ शरीर को नहर में फेंकते हुए तथा तीसरे पुलिसकर्मी को इस कार्य में उनकी मदद करते देखा गया है|

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