डीजल अनुदान के लिए किसान 29 जुलाई से करें आवेदन : अमरेंद्र

पटना : कृषि मंत्री अमरेन्द्र प्रताप सिंह ने कहा कि इस वर्ष 1 जून से 28 जुलाई तक राज्य में औसत से 41 प्रतिशत तथा 1 जुलाई से 28 जुलाई तक राज्य में औसत से 66 प्रतिशत सामान्य से कम वर्षा हुई है, जिसके कारण अभी तक धान का आच्छादन मात्र 45 प्रतिशत हुआ है| अल्पवृष्टि के कारण सुखाड़ जैसे स्थिति को देखते हुए राज्य सरकार द्वारा कृषि फीडर से 16 घंटे निर्बाध विद्युत की आपूर्ति की जा रही है| उन्होंने किसानों से कृषि फीडर का लाभ उठाने तथा अपने फसलों को बचाने का आह्वान किया|उन्होंने कहा कि संभावित सुखाड़ की स्थिति में किसानों को हरसंभव सहायता कृषि विभाग द्वारा करने का प्रयास किया जा रहा है|मंत्री ने कहा कि खरीफ 2022 में अल्पवृष्टि के कारण सुखाड़ जैसी स्थिति को देखते हुए खरीफ फसलों को डीजल चालित पम्पसेट से पटवन करने के लिए सरकार द्वारा किसानों को सिंचाई के लिए ‘‘डीजल अनुदान योजना’’ के तहत् 60 रूपये प्रति लीटर की दर से 600 रूपये प्रति एकड़, प्रति सिंचाई डीजल अनुदान देने का प्रावधान किया गया है| यह अनुदान धान का बिचड़ा एवं जूट फसल की अधिकत्तम 2 सिंचाई के लिए 1200 रूपये प्रति एकड़ तथा खड़ी फसल में धान, मक्का अन्य खरीफ फसलों के अंतर्गत दलहनी, तेलहनी, मौसमी सब्जी, औषधीय एवं सुगन्धित पौधे की अधिकत्तम 3 सिंचाई के लिए 1800 रूपये प्रति एकड़ की दर से दिया जायेगा| प्रति किसान अधिकत्तम 8 एकड़ के लिए डीजल अनुदान दिया जायेगा|उन्होंने कहा कि वैसे किसान जो दूसरे की जमीन पर खेती करते हैं (गैर-रैयत), सरकार की डीजल अनुदान योजना का लाभ ले सकते है,उन्हें प्रमाणित,करने के लिए सम्बन्धित वार्ड सदस्य एवं कृषि समन्वयक के द्वारा पहचान की जायेगी| सत्यापित करते समय यह ध्यान रखा जायेगा कि वास्तविक खेती करने वाले जोतदार को ही अनुदान का लाभ मिले| इस योजना का लाभ ऑनलाईन पंजीकृत किसानों को ही दिया जायेगा|उन्होंने कहा कि केवल वैसे ही किसान इस योजना के तहत् आवेदन करें, जो वास्तव में डीजल का उपयोग कर सिंचाई कर रहे हैं| डीजल अधिकृत पेट्रोल पम्प से डीजल क्रय के उपरान्त डीजल पावती रसीद (डिजिटल वाऊचर) जिसमें किसानों का 13 अंकों का पंजीकरण संख्या अंकित हो, मान्य होगा| डीजल का क्रय कर वास्तव में सिंचाई के लिए उपयोग किया गया है, की जांच संबंधित कृषि समन्वयक द्वारा किया जायेगा, 30 अक्टूबर 2022 तक सिंचाई के लिए क्रय किये गये डीजल के लिए ही यह मान्य होगा|श्री सिंह ने कहा कि इसके साथ अल्पवधि के वैकल्पिक फसलों की बीजों की व्यवस्था के लिए राज्य सरकार द्वारा 30 करोड़ रू. की ‘‘आकस्मिक फसल योजना’’ की स्वीकृति प्रदान की गई है, जिसके अन्तर्गत अल्पावधि धान, कुछ दलहनी एवं सब्जी के बीज का वितरण कर अनाच्छादित रकबा को आच्छादित करने का प्रयास किया जायेगा|

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