देसी कार्यक्रम के अंतर्गत 70 उपादान विक्रेताओं को किया गया प्रशिक्षित

पटना : डिप्लोमा इन एग्रीकल्चरल एक्सटेंशन सर्विसेज फाॅर इनपुट डिलर्स (देसी) कार्यक्रम के अंतर्गत वर्ष 2020-21 में  पटना जिला के उपादान विक्रेताओं के लिए  स्थानीय बामेती में आयोजित किये गए प्रशिक्षण कार्यक्रम के 70 सफल प्रशिक्षणार्थियों के बीच आभांशु सी.जैन, निदेशक बामेती के द्वारा प्रमाण-पत्र का वितरण किया गया| दो बैच के इस  प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले अमित कुमार, शिवनार मोकामा एवं मुकेश रंजन पालीगंज को गोल्ड मेडल, द्वितीय स्थान प्राप्त करने वाले राजू रतन धनरूआ एवं मनोरंजन कुमार पटना को सिल्वर मेडल एवं  तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले प्रतिभागी संजय कुमार सम्पतचक एवं अरविन्द कुमार पालीगंज निवासी को ब्राउंज मेडल के साथ प्रमाण-पत्र देकर सम्मानित किया गया|मैनेज हैदराबाद द्वारा प्रायोजित ’’देसी कार्यक्रम’’ के अन्तर्गत उपादान विक्रेताओं के लिए बामेती पटना द्वारा राज्य के सभी 38 जिलों में आत्मा योजना के माध्यम से कृषि विस्तार सेवाओं में एक वर्षीय डिप्लोमा के तहत प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन गत छः वर्षों से किया जा रहा है|प्रशिक्षण कार्यक्रम का प्रारम्भ वर्ष 2016-17 में किया गया था, इस कार्यक्रम के अन्तर्गत कम-से-कम 10 वीं वर्ग एवं इससे ऊपर के डिग्रीधारक बेरोजगार युवा एवं युवतियों तथा पूर्व के उपादान विक्रेता, जिनका खाद, बीज एवं रासायनिक दवा बेचने हेतु विभाग द्वारा दी गई अनुज्ञप्ति रद्द हो गई हो, को प्रशिक्षण कार्यक्रम देने का प्रावधान भारत सरकार द्वारा किया गया है|देेसी कार्यक्रम  मार्गदर्शिका के अनुसार कुल 12 कोर्सों/विषयों यथा एग्रो इकोलोजिकल सिचुएशन, मृदा स्वास्थ्य प्रबंधन, वर्षा आधारित खेती, बीज एवं बीज उत्पादन, सिंचाई के तकनीक एवं इसका प्रबंधन, खरपतवार प्रबंधन, कृषि यंत्र संबंधित, फसलों में कीट एवं व्याधि प्रबंधन, प्रमुख स्थानीय फसलों का उत्पादन तकनीक, कृषि उपादान से संबंधित अधिनियम, कृषि क्षेत्र से संबंधित योजनायें एवं कृषि प्रसार तकनीक पर कुल 40 सैद्धांतिक वर्ग एव 8 प्रायोगिक वर्ग का प्रशिक्षण आयोजित किया जाता है| सैद्धांतिक वर्ग का प्रशिक्षण केन्द्रों पर एवं प्रायोगिक वर्ग का प्रशिक्षण , कृषि से संबंधित संस्थानों यथा कृषि विज्ञान केन्द्र, मृदा  जांच प्रयोगशाला, कृषि महाविद्यालय/कृषि  विश्वविद्यालय , उद्यान महाविद्यालय, क्षेत्रीय कृषि अनुसंधान संस्थान एवं अन्य प्रगतिशील किसानों के प्रक्षेत्र पर प्रशिक्षणार्थियों को स्थल भ्रमण कराकर किया जाता है|प्रशिक्षण प्राप्त बेरोजगार युवक एवं युवतियां कृषि विभाग द्वारा खाद-बीज एवं रासायनिक दवा बेचने हेतु अनुज्ञप्ति प्राप्त कर अपनी आजीविका चला सकते हैं|प्रशिक्षण कार्यक्रम एक वर्ष का होता है, जो सप्ताह में एक दिन (सरकारी अवकाश के दिन) आयोजित किया जाता है|इस अवसर पर आत्मा योजना देसी कार्यक्रम के सलाहकार शैलेन्द्र कुमार ओझा एवं दयानन्द निराला उपस्थित थे|

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