सृष्टि को जीवित रखने के लिए पर्यावरण महत्वपूर्ण : यामिनी

पटना : प्रकृति से सजगता लाने के लिए संगीत शिक्षायतन पटना द्वारा विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर तीन दिवसीय कार्यक्रम “Towards the Nature” के तीसरे दिन की शुरुवात योगाभ्यास से हुई|संगीत शिक्षायतन द्वारा विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर चेतना योग यात्रा -19 सबके लिए योग मानवीय आंतरिक और बाह्य मूल्यों के अंतरक्षण पर आधारित कार्यक्रम का आयोजन किया गया,जिसका विषय है ” प्रकृति पर्यावरण और हमारा जीवन”|योग विशेषज्ञ हृदय नारायण झा एवं विशिष्ठ अतिथि वरुण कुमार सिंह इस अवसर पर (अध्यक्ष, कला एवं संस्कृति प्रकोष्ठ, बिहार प्रदेश, भाजपा) स्वयं उपस्थित थे| वरुण कुमार सिंह पूरी सजगता से योगा आसनों और प्राणायाम का अभ्यास कर सभी दर्शकों के लिए प्रेरणा स्रोत बने,कार्यक्रम में विकास कुमार, अनु तिवारी, चारु चंद्रा योग प्रशिक्षुओं ने भी योग की प्रयोगात्मक प्रस्तुतियां दी|कथक नृत्यांगना यामिनी ने विस्तार से प्राकृतिक पर्यावरण और शारीरिक पर्यावरण की सुरक्षा, स्वक्षता की बात को उजागर करते हुए कहा की धरती पर जीव सृष्टि को जीवित रखने के लिए पर्यावरण सबसे महत्वपूर्ण है|पर्यावरण हमारे शरीर के आंतरिक और बाह्य तत्वों के साथ है,मानव शरीर पर्यावरण में मौजूद पांच तत्वों से बना है,यह तत्व जल अग्नि आकाश वायु मिट्टी है,इसकी शुद्धता और संतुलन बनाए रखना अत्यंत आवश्यक है, जिसके लिए योग उत्तम साधन है|धरती को सबसे ज्यादा नुकसान ग्लोबल वार्मिग से है, हमलोगों ने दुनिया में प्रदूषण फैला रखा है,आज ऑक्सीजन की कमी हो रही है,दूषित पर्यावरण के कारण ही जन मानस में रोग प्रतिरोध की क्षमता घट गई है|संस्था की अध्यक्षा श्रीमती रेखा शर्मा ने संस्था से जुड़े नव सदस्यों को पौधे देकर अभिनन्दन किया,शिक्षायतन द्वारा आयोजित चेतना योग यात्रा अबतक जिला और अन्य राज्यो में घूम घूम कर स्कूल, आश्रम, कॉलेज, ऑडिटोरियम, अस्पतालों में योग की शिक्षा और जागरूकता का कार्य करती रही है|

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