मुख्यमंत्री ने की जल-जीवन-हरियाली अभियान से संबंधित समीक्षा बैठक

पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मुख्यमंत्री सचिवालय स्थित ‘संवाद’ में जल-जीवन-हरियाली अभियान से संबंधित उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की|समीक्षा बैठक में जल-जीवन-हरियाली अभियान के मिशन निदेशक राहुल कुमार ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से मुख्यमंत्री के समक्ष जल-जीवन-हरियाली अभियान के अंतर्गत 11 अवयवों पर किये जा रहे कार्यों की जानकारी दी|जल-जीवन-हरियाली अभियान के मिशन निदेशक ने अपने प्रस्तुतीकरण में जल-जीवन-हरियाली अभियान के सभी सार्वजनिक आहर, पईन, तालाब, कुओं को चिन्ह्ति कर उन्हें अतिक्रमण मुक्त एवं उनका जीर्णोद्धार कराने, सार्वजनिक संरचनाओं को अतिक्रमण मुक्त कराने के क्रम में विस्थापित एवं वास-भूमि विहीन परिवारों की पहचान कर उन्हें वास-भूमि उपलब्ध कराने के संबंध में विस्तृत जानकारी दी| इसके साथ ही सार्वजनिक कुओं एवं चापाकलों के निकट सोख्ता,रिचार्ज,अन्य जल संचयन संरचनाओं का निर्माण, छोटी-छोटी नदियों-नालों एवं पहाड़ी क्षेत्रों के जल संग्रहण क्षेत्रों में चेकडैम एवं जल संचयन की अन्य संरचनाओं का निर्माण, नए जल स्त्रोतों का सृजन, भवनों में छत वर्षा जल संचयन की संरचना, पौधशाला सृजन एवं सघन वृक्षारोपण, वैकल्पिक फसलों, टपकन सिंचाई, जैविक खेती एवं अन्य नई तकनीकों के उपयोग,सौर ऊर्जा उपयोग को प्रोत्साहन एवं जल-जीवन-हरियाली अभियान हेतु जागरूकता कार्यक्रम से संबंधित विभागवार प्रगति की विस्तृत जानकारी दी|सचिव जल संसाधन विभाग संजय कुमार अग्रवाल ने मुख्यमंत्री को ‘गंगा जल आपूर्ति योजना’ की अद्यतन स्थिति के संबंध में प्रस्तुतीकरण के माध्यम से विस्तृत जानकारी दी|समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने निर्देश देते हुए कहा कि सार्वजनिक आहर, पईन, तालाब, पोखर, कुओं एवं चापाकलों को अधिक से अधिक चिन्हित कर उसे अतिक्रमण मुक्त कराएं| अतिक्रमण मुक्त कराए गए जल संचयन क्षेत्रों के किनारे बसे गरीब लोगों के पुनर्वास हेतु समुचित कार्रवाई करें, जल-जीवन-हरियाली अभियान के अवयवों पर तेजी से कार्य पूर्ण करें| सभी सार्वजनिक कुओं को चिन्हित कर उनका जल्द से जल्द जीर्णोद्धार कराएं, इससे भू-जल स्तर मेंटेन रहता है और सुखाड़ की स्थिति में लोगों को काफी सुविधा मिलती है|सभी सार्वजनिक चापाकलों एवं कुओं के निकट सोख्ता के निर्माण कार्य में भी तेजी लायें|मुख्यमंत्री ने समीक्षा बैठक के दौरान कहा कि वर्ष 2019 में पर्यावरण संरक्षण को लेकर सभी दलों के विधान पार्षदों एवं विधायकों के साथ करीब 8 घंटे तक बैठक की गई थी, जिसमें सर्वसम्मति से जल-जीवन-हरियाली अभियान को चलाने का निर्णय लिया गया था| इसके लिए मानव श्रृंखला भी बनाई गई जिसमे 5 करोड़ से भी अधिक लोगों ने अपनी भागीदारी सुनिश्चित कराई थी, वर्ष 2019 में एक-एक चीज पर विस्तारपूर्वक बात हुई थी|उन्होंने कहा कि जल-जीवन-हरियाली का मतलब जल और हरियाली के बीच ही जीवन है, वर्ष 2020 में संयुक्त राष्ट्र के उच्च स्तरीय राउंड टेबल काॅन्फ्रेंस में बिहार सरकार द्वारा चलाये जा रहे जल-जीवन-हरियाली अभियान की काफी सराहना हुयी थी,मुझे भी संयुक्त राष्ट्र से निमंत्रण आया था जिसमें हमने यहीं से अपनी बातें रखी थीं|मुख्यमंत्री ने कहा कि राजगीर में जल संचयन हेतु बड़ा और सुंदर तालाब का निर्माण कराया गया है,यदि दो साल वर्षा नहीं होगी तो भी पानी की दिक्कत नहीं होगी|उन्होंने कहा कि पहाड़ियों के तलहट्टी क्षेत्र में जल संचयन की संभावनाओं को भी तलाशें, पहाड़ियों के निकट चेकडैम बनाइएगा तो बहुत अच्छा होगा,इससे जल की उपलब्धता सुनिश्चित होगी|मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश देते हुये कहा कि सौर ऊर्जा के प्रति लोगों को जागरूक करें क्योकि यही अक्षय ऊर्जा है जो प्रकृति प्रदत्त है और यह सदैव रहेगा| उन्होंने कहा कि पहले बिहार का हरित आवरण काफी कम था, वर्ष 2012 में हरियाली मिशन की स्थापना कर काफी संख्या में पौधे लगाये गये जिसका परिणाम है कि अब राज्य का हरित आवरण 15 प्रतिशत से अधिक हो चुका है|बिहार की आबादी और क्षेत्रफल को ध्यान में रखते हुए हरित आवरण की सीमा को 17 प्रतिशत तक करने का लक्ष्य रखा है,इसके लिए बड़े पैमाने पर वृक्षारोपण का कार्य किया जा रहा है|बैठक में उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद, ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव, शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी, जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा, स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय, लघु जल संसाधन मंत्री संतोष कुमार सुमन, कृषि मंत्री अमरेन्द्र पताप सिंह, ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार, पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, मुख्य सचिव आमिर सुबहानी, विकास आयुक्त विवेक कुमार सिंह, अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य प्रत्यय अमृत, अपर मुख्य सचिव राजस्व एवं भूमि सुधार ब्रजेश मेहरोत्रा, अपर मुख्य सचिव लघु जल संसाधन विभाग परमार रवि मनुभाई, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ, प्रधान सचिव नगर विकास एवं आवास विभाग आनंद किशोर, प्रधान सचिव पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन अरविंद कुमार चौधरी, मुख्यमंत्री के सचिवअनुपम कुमार, सचिव लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग जितेन्द्र श्रीवास्तव सहित संबंधित विभागों के अपर मुख्य सचिव,प्रधान सचिव,सचिव एवं अन्य वरीय पदाधिकारी उपस्थित थे|

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