बाग उत्थान योजना से श्रमिकों को मिलेगा रोजगार : प्रेम कुमार

पटना : कृषि मंत्री डॉ.प्रेम कुमार ने कहा कि कोविड-19 के कारण देश के विभिन्न क्षेत्रों से बिहार के श्रमिकों की वापसी हुई है, इन श्रमिकों को कृषि विभाग द्वारा कार्यान्वित विभिन्न योजनाओं से जोड़कर उनके लिए रोजगार सृजन के उद्देश्य से बाग उत्थान योजना बनायी गयी है|इस योजना में 10 वर्ष या इसके ऊपर के फलदार वृक्ष,आम एवं लीची निजी क्षेत्र एवं सरकारी नर्सरियों में अवस्थित मातृ-वृक्षों का प्रबंधन -थाला निर्माण, चूना, कीटनाशी एवं फफूंदनाशी के साथ पुताई, छत्रक प्रबंधन, पोषक तत्त्वों का प्रयोग एवं ड्रिप सिंचाई पद्धति लगाने का कार्य किया जायेगा|मंत्री ने कहा कि इस योजना के अन्तर्गत निजी एवं सार्वजनिक क्षेत्र को शामिल किया जायेगा,निजी क्षेत्र के अन्तर्गत राज्य के 18 जिला मुजफ्फरपुर, दरभंगा, वैशाली, समस्तीपुर, पूर्वी चम्पारण, पश्चिमी चम्पारण, भागलपुर, मधुबनी, सीतामढ़ी, बांका, पूर्णिया,  कटिहार,शिवहर,सहरसा, खगड़िया, मधेपुरा, सुपौल एवं अररिया को सम्मिलित किया जायेगा|सार्वजनिक क्षेत्र के अन्तर्गत उद्यान निदेशालय के अधीन प्रोजनीबाग एवं प्रखंड उद्यान नर्सरियों के फलदार वृक्षों के मातृ-वृक्षों का प्रबंधन किया जायेगा|इस योजना के अन्तर्गत निजी क्षेत्र के कुल 18 जिलों के 15 लाख आम,लीची के पेड़ों के चारों ओर थाला निर्माण एवं पोताई कार्य हेतु भौतिक लक्ष्य निर्धारित है तथा सर्वाजनिक क्षेत्र के 25 जिलों के कुल 9,933 सरकारी नर्सरियों के अधीनस्थ मातृ-वृक्षों का प्रबंधन का कार्य किया जायेगा|मंत्री ने कहा कि आम एवं लीची के पेड़ों मातृ-वृक्षों के चारों ओर 1.5 मीटर की गोलाई में 30 सेंटीमीटर चैड़ा एवं 20-25 सेंटीमीटर थाला निर्माण, पेड़ के स्तम्भ में जमीन से 1 मीटर ऊंचाई तक चूना, कीटनाशी एवं फफूंदनाशी के घोल से पुताई, मातृ-वृक्षों में छत्रक प्रबंधन एवं पोषक तत्वों का प्रयोग कराकर कृषि से जुड़े श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराया जायेगा|थाला निर्माण का प्रति पेड़ इकाई लागत 100 रूपये का 50 प्रतिशत यानि 50 रू. प्रति पेड़ एवं पुताई हेतु प्रति पेड़ इकाई लागत 30 रू. का 50 प्रतिशत यानि 15 रू. प्रति पेड़ की दर से अर्थात् कुल 65 रू. सहायतानुदान प्रति पेड़ की दर से अनुदान की राशि कृषकों के बैंक खाते में भुगतान किया जायेगा,यह योजना स्वीकृति की प्रक्रिया में है, जल्दी ही इसे कार्यान्वित किये जाने की संभावना है|

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