हर खेत तक सिंचाई का पानी पहुंचाना हमारा लक्ष्य : मुख्यमंत्री

पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के समक्ष एक अणे मार्ग स्थित संकल्प में जल संसाधन विभाग द्वारा उत्कृष्ट सिंचाई उन्नत फसल अभियान,बागमती बाढ़ प्रबंधन योजना फेज-3 बी एवं 5 का प्रस्तुतीकरण दिया गया|प्रस्तुतीकरण के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि हर खेत तक सिंचाई का पानी पहुंचाना हमारा लक्ष्य है,राज्य में प्लाॅट-वार सर्वे कराया जाय जिससे सिंचाई की अधिकतम क्षमता एवं लक्ष्य का सही आंकलन किया जा सके|टीम बनाकर सर्वे में यह भी आंकलन कराएं कि किस एरिया में, किस तरह का एरिगेशन कराया जाए,इस कार्य में स्थानीय लोगों से भी मिलकर विचार-विमर्श करें|उन्होंने कहा कि हर खेत तक सिंचाई के लिये पानी पहुंचाने हेतु सिंचाई क्षमता का आंकलन करायें,किस क्षेत्र में पानी की कितनी उपलब्धता है, किस एरिया में कैसे पानी पहुंचेगा, इसका आंकलन करें,लक्ष्य की प्राप्ति के लिए रणनीति बनायें|मुख्यमंत्री ने कहा कि नदियों को आपस में जोड़ने की संभावनाओं को तलाशें,मॉनसून अवधि में वर्षा जल के अधिक से अधिक संचयन एवं सदुपयोग की योजना बनायें|उन्होंने कहा कि सिंचाई कार्य के लिए सतही जल का उपयोग अधिक से अधिक हो सके इसके लिए भी योजना बनायें,साथ ही रेन वाटर हार्वेस्टिंग का ज्यादा से ज्यादा उपयोग कर भू-जल स्तर बढ़ाने के लिए कार्य करें|वृहद एवं मध्यम परियोजनाओं के माध्यम से सिंचाई क्षमता को और बढ़ायें,परंपरागत सिंचाई क्षमता को फिर से पुनर्जीवित करने के लिये आहर, पईन, पोखर का जीर्णोद्धार जल संचयन हेतु जल-जीवन-हरियाली अभियान के अंतर्गत कराया जा रहा है,इस कार्य में भी तेजी लायें|खेतों की सिंचाई के लिए इच्छुक किसानों को एग्रीकल्चर फीडर के माध्यम से विद्युत कनेक्षन उपलब्ध कराये जा रहे हैं,जिससे सिंचाई कार्य में कम खर्च हो,किसानों को सिंचाई में डीजल से जहां एक सौ रूपये का खर्च आता है, वहीं बिजली से मात्र 5 रूपये का ही खर्च आता है|उन्होंने कहा कि सिंचाई हेतु इस्तेमाल किये जाने वाले स्टेट ट्यूबवेल पंचायतों को ट्रांसफर किये जा चुके हैं,इससे किसानों को सिंचाई में सुविधा मिलेगी|उन्होंने कहा कि चौर क्षेत्र के एक भाग में जल संचयन हेतु नीचे मछली, ऊपर बिजली के कॉन्सेप्ट पर तेजी से काम करें,साथ ही साथ उसके दूसरे भाग में फल, सब्जी एवं अन्य फसलों की खेती कार्य को बढ़ावा दें, इससे दोगुना फायदा होगा|बागमती बाढ़ प्रबंधन योजना फेज-3 बी एवं 5 के प्रस्तुतीकरण के क्रम में मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि तटबंधों के निर्माण के दौरान उसकी मजबूती के लिए यथासंभव आयरन सीट पायलिंग का प्रयोग करें, कुशेश्वरस्थान में बाढ़ से सुरक्षा एवं जलनिकासी के लिये सुदृढ़ीकरण का कार्य शीघ्र करें|इस अवसर पर जल संसाधन मंत्री संजय झा, मुख्य सचिव दीपक कुमार,जल संसाधन विभाग के सचिव संजीव हंस, कृषि तथा पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग के सचिव एन.सरवन कुमार,मुख्यमंत्री के सचिव मनीष कुमार वर्मा,अनुपम कुमार, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी गोपाल सिंह सहित जल संसाधन विभाग के अन्य वरीय अभियंतागण एवं तकनीकी पदाधिकारी उपस्थित थे|

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