पर्यावरण संरक्षण के लिए लोगों को किया जा रहा जागरूक : मुख्यमंत्री

पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री सचिवालय स्थित ‘संवाद‘ में विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर “कोरोना-मानवता को प्रकृति का संदेश” विषय पर आयोजित वेबिनार को संबोधित करते हुए कहा कि 5 जून ऐतिहासिक दिन है,विश्व पर्यावरण दिवस के साथ-साथ इस दिन को सम्पूर्ण क्रांति दिवस एवं कबीर जयंती के रूप में भी मनाया जाता है|उन्होंने कहा कि लोकनायक जयप्रकाश नारायण की सम्पूर्ण क्रांति और लोहिया की सप्तक्रांति में पर्यावरण का विशेष महत्व है,2005 के बाद बिहार में चलाये गये पल्स पोलियो अभियान को बिल गेट्स सहित सभी लोगों ने सराहा था|बिहार का बंटवारे के बाद बिहार का हरित आवरण 9 प्रतिशत रह गया था,राज्य के हरित आवरण क्षेत्र को बढ़ाने के लिए वर्ष 2012 में हरियाली मिशन की शुरूआत की गयी, 24 करोड़ वृक्षारोपण का लक्ष्य रखा गया जिसमें 22 करोड़ से ज्यादा वृक्षारोपण किया जा चूका है|अब राज्य का हरित आवरण 15 प्रतिशत हो गया है, 17 प्रतिशत हरित आवरण प्राप्त करने के लक्ष्य पर काम किया जा रहा है|उन्होंने कहा कि पर्यावरण की बिगड़ती स्थिति पर विचार के लिए गत वर्ष 13 जुलाई को 8 घंटे से ज्यादा वक्त तक चली सर्वदलीय बैठक में पर्यावरण संरक्षण एवं भू-जल संरक्षण के लिए जल-जीवन-हरियाली अभियान चलाने का निर्णय लिया गया|जल-जीवन-हरियाली अभियान का मतलब है जल और हरियाली के बीच जीवन है, जल और हरियाली है तभी जीवन है,जल-जीवन-हरियाली कार्यक्रम की तारीफ बिल गेट्स ने भी की थी|जल-जीवन-हरियाली अभियान के अंतर्गत 11 सूत्री कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं,इसके अंतर्गत तालाब,आहर,पईन, पोखर, सार्वजनिक कुंओं का जीर्णोद्धार कराया जा रहा है|बिहार पृथ्वी दिवस 9 अगस्त के दिन 2 करोड़ 51 लाख पौधें पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग एवं अन्य लोगों की सहभागिता से लगाये जायेंगे,बड़े पैमाने पर वृक्षारोपण का लक्ष्य है|तालाब, पोखर के चारों तरफ सघन वृक्षारोपण कराया जा रहा है, साथ ही सड़कों के दोनों तरफ भी कई कतारों में पेड़ लगाये जा रहे हैं|जल-जीवन-हरियाली अभियान के माध्यम से लोगों को पर्यावरण संरक्षण के लिए जागरूक किया जा रहा है,भविष्य को सुरक्षित रखने के लिए पर्यावरण को सुरक्षित रखना जरूरी है|उन्होंने कहा कि आनेवाली पीढ़ियों की रक्षा के लिए हम सभी का बुनियादी दायित्व है कि पर्यावरण की रक्षा करें. हम सब मिलकर चलेंगे तो पर्यावरण संकट में कमी आयेगी|कार्यक्रम को पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री सह उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, प्रधान सचिव, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन दीपक कुमार सिंह ने संबोधित किया, जबकि दिल्ली से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से पूर्व सचिव पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन भारत सरकार सी.के.मिश्रा ने भी संबोधित किया तथा महानिदेशक टेरी (TERI) नई दिल्ली डॉ.अजय माथुर ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से अपनी बात रखी|कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव मनीष कुमार वर्मा, सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के सचिव अनुपम कुमार,प्रधान मुख्य वन संरक्षक ए.के.पाण्डेय, प्रधान मुख्य वन संरक्षक (विकास) आशुतोष, बिहार राज्य जैव विविधता पर्षद के अध्यक्ष डॉ.डी.के शुक्ला, बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद के अध्यक्ष डॉ.अशोक कुमार घोष, वन संरक्षक,पटना गोपाल सिंह सहित पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के अन्य वरीय पदाधिकारीगण उपस्थित थे, जबकि वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से सभी जिलों के उप विकास आयुक्त, जिला वन पदाधिकारी एवं अन्य अधिकारी जुड़े थे|

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