मिट्टी पानी के बिना किया जायेगा सब्जी का उत्पादन : प्रेम कुमार

पटना : कृषि मंत्री डॉ.प्रेम कुमार ने कहा कि सरकार द्वारा बिहार बागवानी विकास सोसाईटी को राज्य योजना मद से एयरोपोनिक्स एवं हाईड्रोपोनिक्स विधि द्वारा सब्जी एवं आलू बीज उत्पादन योजना के कार्यान्वयन हेतु वित्तीय वर्ष 2019-20 से 2021-22 तक कुल 495.342 लाख रूपये की स्वीकृति प्रदान की गई है,जिसमें से चालू वित्तीय वर्ष 2019-20 में इस योजना के कार्यान्वयन पर 345.402 लाख रूपये व्यय किया जायेगा|मंत्री ने कहा कि इस योजना को सेंटर ऑफ एक्सेलेंस चण्डी नालंदा में संचालित किया जायेगा,इस योजना के अंतर्गत एयरोपोनिक्स एवं हाईड्रोपोनिक्स कार्यक्रम का संस्थापन एवं संचालन करने हेतु दोनों अवयवों को अलग-अलग निविदा आमंत्रण कर कम्पनियों का चयन कर बिहार वित्त नियमावली के आलोक में किया जायेगा|चयनित कम्पनियों के माध्यम से प्रस्तुत कार्यक्रम का संचालन राज्य सरकार की देखरेख में सेंटर के प्रभारी परियोजना पदाधिकारी के माध्यम से की जायेगी|उन्होंने कहा कि एयरोपोनिक्स विधि द्वारा मिट्टी पानी एवं सूर्य के प्रकाश का उपयोग किये बिना सब्जी का उत्पादन किया जाता है,पौधा के जड़ को ऑक्सीजन की उपलब्धता बढ़ाते हुए हवा में उपलब्ध कार्बनडाईऑक्साईड का उपयोग कर रोगमुक्त वातावरण में उच्च तकनीक की सहायता से समुचित सूक्ष्म तत्त्वों का उपयोग कर सेंटर ऑफ एक्सेलेंस, चण्डी, नालंदा में इस विधि के माध्यम से आलू ट्यूबर का उत्पादन किया जायेगा,जिसे द्वितीय एवं तृतीय वर्ष में नियंत्रित क्षेत्र में ट्यूबर से आलू बीज का उत्पादन कर किसानों को गुणवत्तापूर्ण एवं रोगमुक्त आलू कि किस्म उपलब्ध कराने हेतु कार्य किया जायेगा|सेंटर ऑफ एक्सेलेंस क्षेत्र में एयरोपोनिक्स तकनीक से आलू ट्यूबर उत्पादन का प्रदर्शन कर किसानों के बीच अच्छे किस्म के आलू का प्रचार-प्रसार भी किया जायेगा|इसी प्रकार हाईड्रोपोनिक्स विधि द्वारा बिना मिट्टी के ही पौधे लगा सकते हैं,इस विधि के लिए सिर्फ पानी और सूर्य प्रकाश की जरूरत होती है|इस तकनीक के माध्यम से कम जगह में उच्च तकनीक द्वारा नियंत्रित वातावरण में मिट्टी के बिना सब्जी पौध तथा सब्जी का उत्पादन किया जाता है|इसमें पौधे स्वस्थ और गुणवत्तापूर्ण होते हैं तथा पूर्ण उत्पादन नियंत्रित रहने के कारण जंगली पौधे भी उत्पादन में बाधा नहीं पहुंचाता है|मंत्री डॉ.कुमार ने कहा कि राज्य में बढ़ती जनसंख्या दर को देखते हुए आने वाले समय में खाना उपलब्ध कराने के लिए खाद्य पदार्थो का उत्पादन दुगूना करना होगा,जमीन सीमित है,लिहाजा खेती नवीनत्तम तकनीकों से हो तभी इस लक्ष्य को पूरा किया जा सकता है|

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