नागरिकों का जन्मसिद्ध अधिकार है मानवाधिकार : राज्यपाल

पटना : ‘‘वसुधैव कुटुम्बकम’ भारतीय संस्कृति का प्राण तत्व है,पूरे विश्व को अपने परिवार सरीखा समझने की दृष्टि भारतीय संस्कृति की अद्वितीय विशेषता है, अपनी इस सांस्कृतिक विरासत का स्मरण करते हुए मानवीय संवेदना के साथ काम करने पर मानवाधिकार के उल्लंघन की समस्या ही नहीं रहेगी| उक्त बातें महामहिम राज्यपाल लालजी टंडन ने स्थानीय अधिवेशन भवन में बिहार मानवाधिकार आयोग द्वारा आयोजित अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस’ सह बिहार राज्य मानवाधिकार आयोग के स्थापना दिवस समारोह को संबोधित करते हुए कहा|राज्यपाल ने कहा कि सामाजिक समरसता और लोकतांत्रिक मूल्यों को बनाये रखने के लिए मानवाधिकारों का संरक्षण एवं संवर्द्धन नितांत आवश्यक है,क्योंकि मानवाधिकार वस्तुतःस्वतंत्रता,समानता एवं गरिमा के अधिकार हैं|उन्होंने कहा कि नागरिकों को सामान्यतःविभिन्न प्रकार के कानूनों के जरिये अधिकार प्राप्त होते हैं,परन्तु मानवाधिकार नागरिकों के जन्मसिद्ध अधिकार हैं, जिन्हें कानून बनाकर संरक्षण दिया गया है|महामहिम ने कहा कि प्रत्येक नागरिक के मानवाधिकारों का संरक्षण सरकारों का प्रमुख दायित्व होता है,यह तभी संभव है जब सरकार के विभिन्न प्रशासनिक तंत्र,जो विभिन्न प्रकार के कानून,नीतियों-नियमों,कल्याणकारी योजनाओं का कार्यान्वयन करते हैं,वे इन्हें लगनशीलता से लागू करें|उन्होंने कहा कि संवेदनशील,पारदर्शी एवम् कल्याणकारी शासन ही मानवाधिकारों का संरक्षण कर सकता है, सरकार की सभी प्रशासनिक संस्थाओं को इसे ध्यान में रखते हुए कार्य करना चाहिए|राज्यपाल श्री टंडन ने कहा कि मानवाधिकारों के संरक्षण में समाज के असंगठित क्षेत्रों में कार्य करने वाले उपेक्षित एवं कमजोर वर्ग के व्यक्तियों के प्रति विशेष संवेदनशीलता दिखाने की आवश्यकता है,ऐसे वर्ग अपने मानवाधिकारों के हनन को प्रमुखता से नहीं उठा पातें हैं जिस वजह से अपने मानवाधिकारों का हनन चुपचाप सहन करते रहते हैं|महामहिम राज्यपाल ने कहा कि प्रत्येक राज्य का प्रमुख दायित्व है कि वह नागरिकों के मानवाधिकारों का संरक्षण सुनिश्चित करे|इस उद्देश्य की प्राप्ति  हेतु ‘बिहार मानवाधिकार आयोग’ ने राज्य सरकार की पर्याप्त सहायता की है एवं दोनों ने समुचित सहयोग और समन्वय के साथ कार्य किया है|कार्यक्रम में बिहार मानवाधिकार आयोग के कार्यवाहक अध्यक्ष जस्टिस मंधाता सिंह एवं आयोग के पूर्व सदस्य जस्टिस राजेन्द्र प्रसाद ने भी अपने विचार व्यक्त किए|समारोह में राज्य के गृह सचिव आमिर सुबहानी एवं पुलिस महानिदेशक के.एस. द्विवेदी भी उपस्थित थे|आयोग की सचिव श्रीमती वंदना किन्नी ने बिहार मानवाधिकार आयोग की उपलब्धियों का उल्लेख किया एवं धन्यवाद ज्ञापन आयोग के उप सचिव गजेन्द्र सिंह ने किया,इस अवसर पर प्रदेश के सभी जिलों से मानवाधिकार के नोडल पदाधिकारी एवं एनजीओ से जुड़े सदस्य उपस्थित थे|

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