संयुक्त राष्ट्र/एजेंसी : संयुक्त राष्ट्र अंतरराष्ट्रीय बाल आपातकालीन कोष (यूनिसेफ) ने चेतावनी दी है कि बंगलादेश में विस्थापन के बाद तकरीबन पांच लाख रोहिंग्या बच्चों की हालात चिंताजनक है,आशंका है कि इन्हें विस्थापन और बीमारियों का दंश झेलना पड़ सकता है|
बंगलादेश में यूनिसेफ कार्यक्रम के प्रमुख एडॉरड बैगबेदर ने मानसून और चक्रवाती तूफान के प्रभावों पर चेतावनी देते हुए कहा, यहां पहले से ही मानवता के लिए हालात भयावह है और इसके तबाही का मंजर बनने का खतरा है|हजारों बच्चे पहले से ही भयावह हालात में जीने को मजबूर हैं और उनको बीमारी, बाढ़, भूस्खलन और एक बार फिर से विस्थापन झेलना पड़ सकता है|यूनीसेफ के अनुसार शरणार्थी शिविरों में डिप्थीरिया फैलने से 32 जानें गयी हैं,इनमें कम से कम 24 बच्चे शामिल हैं,डिप्थीरिया के तकरीबन 4000 संदिग्ध मामले सामने आये हैं|इस बीमारी को फैलने से रोकने और लोगों की जिंदगियों को बचाने के लिए यूनिसेफ और विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) समेत संयुक्त राष्ट्र की एजेंसियां तकरीबन पांच लाख बच्चों को डिप्थीरिया के टीके लगाने का काम कर रही है|डिप्थीरिया एक संक्रामक रोग है जो कोरिनेबैक्टेरियम डिप्थीरिया जीवाणुओं से फैलता है,यह बीमारी 5-10 प्रतिशत मामलों में ज्यादा गंभीर रूप अख्तियार करती है|इस बीमारी से ग्रस्त होने पर छोटे बच्चों की मृत्यु होने की आशंका सबसे ज्यादा रहती है|श्री बैगबेदर ने कहा, असुरक्षित पानी, अपर्याप्त सफाई, स्वच्छता के खराब स्थिति से हैजा और हेपेटाइटिस ई फैलने का खतरा है,यह गर्भवती महिलाओं और उनके बच्चों के लिए जानलेवा है|वहीं जलभराव से मलेरिया फैलने का खतरा रहता है |jkkkkkkkhगौरतलब है कि पिछले वर्ष अगस्त महीने में सेना के द्वारा दमन के कारण तकरीबन साढ़े छह लाख रोहिंग्या मुसलमानों को म्यांमार के रखाइन प्रांत से विस्थापित होकर सीमा पार कर बंगलादेश में शरण लेने को विवश होना पड़ा था|