एनएचआरसी ने दिव्यांगजनों के कौशल विकास और रोजगार के अवसरों पर चर्चा की

नई दिल्ली : राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग ने भारत में दिव्यां गजनों के लिए कौशल विकास और रोजगार के अवसरों के दृष्टिकोण से समावेशिता की रूपरेखा प्रस्तु्त करने पर ध्यान देने के साथ दिव्यांगता पर आयोग के कोर समूह की बैठक का आयोजन किया| हाइब्रिड मोड में बैठक की अध्यक्षता एनएचआरसी, भारत के सदस्य, डॉ.ज्ञानेश्वर एम. मुले ने सदस्य,श्रीमती विजया भारती सयानी,संयुक्त सचिव  देवेन्द्र कुमार निम,कोर ग्रुप के सदस्यों,दिव्यां गजनों के सशक्तिकरण विभाग,सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय,नागरिक समाज,गैर सरकारी संगठनों के प्रतिनिधि तथा आयोग के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में की|डॉ.मुले ने कहा कि दिव्यांंगजनों के रोजगार के लिए प्रेरक केस अध्ययनों की मिसाल प्रस्तुित करने वाले उद्यमशीलता उद्यमों को साझा करने की आवश्यकता है,ताकि वहां के मॉडल का बड़े पैमाने पर अनुकरण किया जा सके|उन्होंने कहा कि दिव्यांरगजनों के कल्याण से संबंधित मौजूदा कानूनों और नीतियों के कार्यान्वयन में कमियों की पहचान करने और उन्हें दूर करने हेतु ठोस प्रयास किए जाने की आवश्यकता है,इसके लिए सभी हितधारकों के बीच एक सहयोगात्मक दृष्टिकोण की आवश्यकता है|डॉ.मुले ने यह भी कहा कि दिव्यांगजनों तक सुविधाजनक पहुंच सुनिश्चित करने के दृष्टिकोण से सरकारी कार्यालयों,अस्पतालों,स्कूलों सहित सभी सार्वजनिक सुविधाओं की समय-समय पर ऑडिटिंग की आवश्यकता विभिन्न मुद्दों में से एक है| दिव्यांगों को प्रोत्साहन,स्वास्थ्य और चिकित्सा सेवाएं दी जानी चाहिए तथा सभी स्तरों पर धमकाना/बदमाशी एवं इस बदनुमा धब्बे का अंत होना चाहिए| दिव्यांगजनों के लिए बनाई गई विभिन्न सेवाओं के बारे में जागरूकता फैलाने की जरूरत है|चर्चाओं को तीन सत्रों में विभाजित किया गया था जिनमें (i) समावेशी शिक्षा में अंतराल को संबोधित करना (ii) दिव्यांगों के रोजगार में कार्यान्वयन ब्लॉकों को नेविगेट/दूर करना और (iii) सहानुभूतिपूर्ण दृष्टिकोण के साथ एक समावेशी राष्ट्र के निर्माण की दिशा में आगे बढ़ना शामिल था|

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