चार्टर्ड एकाउन्टेंट से सत्यापन की बाध्यता समाप्त : तारकिशोर

पटना : उप मुख्यमंत्री-सह-वित्त मंत्री तारकिशोर प्रसाद वर्चुअल माध्यम से आयोजित GST काउंसिल की 43 वीं बैठक में शामिल हुए, केन्द्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में देश के सभी राज्यों के वित्त मंत्रियों ने भाग लिया|उप मुख्यमंत्री ने  बताया कि जीएसटी के अधीन विलंब से विवरणी दाखिल करने वाले व्यवसायियों के लिए विलंब शुल्क की अधिकतम सीमा निर्धारित की गई है|यह विलंब शुल्क शून्य कर देयता वाले व्यवसायियों के लिए अधिकतम 500 रू. 1.5 करोड़ रू. तक के टर्नओवर वाले व्यवसायियों के लिए अधिकतम 2 हजार रू. एवं 1.5 करोड़ रू. से अधिक किन्तु पांच करोड़ रू. तक के टर्न ओवर वाले व्यवसायियों के लिए अधिकतम 5 हजार रू. होगा|उन्होंने कहा कि कम्पाउडिंग योजना वाले व्यवसायियों के मामले में करदेयता शून्य होने पर विलंब शुल्क की अधिकतम राशि 500 रू. एवं अन्य के लिए 2 हजार रू. होगी|उन्होंने बताया कि वर्ष 2020-21 में दो करोड़ रू. तक के सालाना बिक्री एवं कंपाउडिंग स्कीम के व्यवसायियों के लिए वार्षिक विवरणी दाखिल किया जाना Optional कर दिया गया है|उन्होंने बताया कि पांच करोड़ रू. से अधिक सालाना बिक्री वाले व्यवसायियों के लिए चार्टर्ड एकाउन्टेंट द्वारा सत्यापित मिलान स्टेटमेंट को दाखिल किये जाने की बाध्यता समाप्त कर दी गयी है|उप मुख्यमंत्री ने बताया कि  जुलाई 2017 से अप्रील 2021 तक की विवरणी दाखिल नहीं करने वाले व्यवसायियों को एक बड़ी छूट देते हुए उनके लिए भी विलंब शुल्क की अधिकतम सीमा निर्धारित की गई है, यदि ये विवरणियां 1 जून 2021 से 31 अगस्त 2021 तक दाखिल कर दी जाती हैं तो शून्य करदेयता वाले व्यवसायियों के लिए अधिकतम विलब शुल्क 500 रू. जबकि अन्य मामले में अधिकतम 1 हजार रू. विलंब शुल्क देय होगा|उन्होंने कहा कि इसके पूर्व मार्च एवं अप्रील 2021 की विवरणियों को दाखिल करने में हुए विलंब पर रियायती दर से ब्याज एवं विलंब शुल्क में कमी की सुविधा मई 2021 के विवरणी के लिए भी दिये जाने का निर्णय लिया है|GST काउंसिल की वर्चुअल बैठक के दौरान मुख्य सचिवालय सभागार से वाणिज्यकर विभाग की सचिव-सह-राज्य-कर आयुक्त डा.प्रतिमा, विशेष सचिव अरूण कुमार मिश्रा,विशेष आयुक्त संजय कुमार मावंडिया, संयुक्त आयुक्त विनोद झा सहित अन्य वरीय पदाधिकारी उपस्थित थे|

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