कृषि मंत्री प्रेम कुमार ने किया पुष्प महोत्सव का उद्घाटन

पटना : कृषि मंत्री डाॅ.प्रेम कुमार द्वारा पुष्प महोत्सव 2020 एवं राज्यस्तरीय पुष्प प्रदर्शनी-सह-प्रतियोगिता का उद्घाटन किया गया|उद्यान निदेशालय,कृषि विभाग,बिहार बागवानी विकास सोसाईटी द्वारा इस कार्यक्रम का आयोजन स्थानीय ज्ञान भवन में दो दिवसीय 7 से 8 फरवरी तक आयोजित किया गया है|इस अवसर पर अपने सम्बोधन में मंत्री ने कहा कि किसानों की आमदनी को दोगुना करना सरकार की प्राथमिकता है,इस कड़ी में जलवायु परिवर्तन के परिप्रेक्ष्य में फूलों की खेती किसानों के लिए वरदान साबित हो सकती है|उन्होंने कहा कि बिहार में फूलों की खेती लगभग 862 हेक्टेयर में की जा रही है,जिसका उत्पादन करीब 10.70 हजार मेट्रिक टन है|बिहार में फूलों की खेती का क्षेत्रफल वर्ष 2005-06 की तुलना में लगभग नौ गुणा बढ़ा है, इसके उत्पादन में भी वृद्धि हुई है,परंतु जिस अनुपात में राज्य में विभिन्न फूलों की मांग बढ़ी है,उस अनुपात में फूलों के उत्पादन में वृद्धि नहीं हुई है|आज भी बिहार में खपत का 90 प्रतिशत फूल कोलकाता,बैंगलोर एवं पूणे से आयात की जाती है, इसलिए राज्य में फूल की व्यावसायिक खेती की अपार संभावनाएं  हैं, राज्य सरकार पुष्प उत्पादन के क्षेत्र में कृषकों के प्रशिक्षण,उच्च तकनीकी का समावेशन,क्षेत्र विस्तार,संगठित बाजार एवं बाजार के मांग के अनुरूप विभिन्न प्रकार के पुष्पों के उत्पादन को प्रोत्साहित कर रही है|आवश्यकता है कि बाजार की मांग के अनुरूप विभिन्न प्रकार के फूलों की व्यावसायिक खेती किया जाये,फूलों की खेती में उच्च तकनीकी का प्रयोग किया जाये|यदि 4000 वर्गमीटर क्षेत्रफल में पाॅली हाऊस बनाकर जरबेरा या डच रोज फूल की खेती की जाये तो तीन वर्ष में 20-25 लाख रूपये का शुद्ध लाभ प्राप्त किया जा सकता है,यह वैज्ञानिक द्वारा आकलित किया गया है,इससे स्पष्ट है कि फूलों की खेती कितनी लाभकारी है|उन्होंने कहा कि आज बिहार के युवा वर्ग संरक्षित खेती की तकनीकी अपना रहे हैं,पाॅली हाऊस में उच्च मूल्य वाली फूलों की खेती कर रहे हैं|बिहार की मिट्टी एवं जलवायु गेन्दा,जरबेरा,डच रोज,गुलदाऊरी,ग्लैडियोलस,रजनीगंध फूलों की खेती के लिए उपयुक्त है,राज्य सरकार द्वारा युवाओं-कृषकों के बीच फूलों की खेती को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से अनेक योजनायें संचालित की जा रही है|राष्ट्रीय बागवानी मिशन,मुख्यमंत्री बागवानी मिशन योजना के तहत फूलों की खेती के क्षेत्र विस्तार पर सहायतानुदान दिया जा रहा है|सरकार द्वारा यह अनुदान खुले फूल की खेती,कन्द फूल की खेती,कटे फूल की खेती,पाॅली हाउस,शेडनेट में गुलाब एवं लिलियम की खेती तथा पाॅली हाउस, शेडनेट में जरबेरा-कारनेशन की खेती करने के लिए लागत मूल्य का लगभग 50 प्रतिशत तक अनुदान दे रही है|उन्होंने कहा कि राज्य सरकार बिहार के विशिष्ट उत्पादों को राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय बाजार में पहचान दिलाने के लिए प्रयासरत है,इसके लिए विभाग द्वारा राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित हर्टिकल्चर शो,एक्जीविशन में बिहार के उत्पाद को प्रदर्शित करने के लिए अलग से योजना बनायी गई है,जिसके अंतर्गत राज्य के कृषकों को दूसरे राज्यों में भ्रमण कराया जा रहा है|कृषि विभाग के सचिव डाॅ.एन.सरवण कुमार ने कहा कि पुष्प महोत्सव अब प्रत्येक वर्ष आयोजित किया जायेगा,अगले वर्ष इसे बड़े पैमाने पर आयोजित करने का निर्णय लिया गया है,जिसमें सर्वप्रथम जिला स्तर पर उसके बाद प्रमण्डलीय स्तर पर तथा प्रमण्डलीय स्तर पर चुने गये प्रतिभागियों को राज्य स्तर पर आमंत्रित किया जायेगा|इस तरह के आयोजन से पुष्प उत्पादक कृषकों को सरकार द्वारा संचालित योजनाओं से प्रोत्साहन मिलेगा|उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि भोजपुर जिला के गड़हनी प्रखण्ड के श्रीमती क्रांति किरण ने कम उपजाऊ जमीन पर पाॅली हाऊस में जरवेरा की खेती कर सरकार की योजना का लाभ उठा रही है,अगले वर्ष पुष्प प्रदर्शनी-सह-प्रतियोगिता इको पार्क जैसे खुले स्थान पर किया जायेगा|इस अवसर पर निदेशक पशुपालन विनोद सिंह गुंजियाल,आई.ए.आर.आई.,दिल्ली के डीन हाॅटिकल्चर डाॅ.एस.एस.संधु, निदेशक उद्यान नन्द किशोर सहित विभागीय पदाधिकारी एवं कर्मचारीगण एवं बड़ी संख्या में पुष्प उत्पादक कृषक,गार्डेनर,माली,प्राईवेट नर्सरी प्रोपराईटर एवं पुष्प प्रेमीगण उपस्थित थे|

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