शिक्षा का वास्तविक उद्देश्य चरित्र निर्माण : राज्यपाल

दरभंगा : ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के ‘दशम दीक्षांत समारोह’ को नागेन्द्र झा स्टेडियम परिसर, दरभंगा में संबोधित करते हुए राज्यपाल सह कुलाधिपति फागू चौहान ने कहा कि शिक्षा का वास्तविक उद्देश्य है चरित्र निर्माण|उन्होंने कहा कि मात्र भौतिक प्रगति से ही कोई देश खुशहाल और गौरवशाली राष्ट्र नहीं बन सकता,शिक्षा केवल नौकरी के लिए जरूरी नहीं है,अपितु इससे मनुष्य में संवेदनशीलता और नैतिकता का भी विकास होता है|महामहिम ने कहा कि समाज के वंचित, दलित और पिछड़े वर्ग को विकास की मुख्यधारा में लाना बहुत जरूरी है|बिहार के समृद्ध अतीत नालंदा और विक्रमशिला की याद दिलाते हुए राज्यपाल श्री चौहान ने शिक्षा के गुणात्मक विकास पर बल दिया|उन्होंने शिक्षा के गुणात्मक विकास एवं तत्संबंधी विमर्शों के संदर्भ में विश्वविद्यालय के प्रयासों की प्रशंसा भी किया|राज्यपाल ने कहा कि ‘‘आज देश की सीमाएं टूट रही हैं,संचार माध्यमों में क्रांति आई है,पठन-पाठन की तकनीक बदल रही है,रोजगार का स्वरूप बदल रहा है,सबके लिए देश से लेकर विदेश तक  दरवाजे खुले हुए हैं|हमें विश्व की प्रतिस्पद्र्धा में आना है पर भारत की अस्मिता का भी ख्याल रखना है,अपने सांस्कृतिक और ऐतिहासिक वैभव को अमिट बनाये रखना है,हमारे लिए राष्ट्र सर्वोपरि है|राज्यपाल ने कहा कि विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों का समाज से रिश्ता प्रगाढ़ होना चाहिए,हरेक काॅलेज एक-एक गांव गोद लें,वहां  शिक्षा और स्वच्छता के कार्यक्रम चलाये जायें,केवल किताबी ज्ञान ठीक नहीं है|उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी के 150वें जयंती-वर्ष में हमें शिक्षित और स्वच्छ भारत के निर्माण का दृढ़ संकल्प लेना चाहिए|‘दीक्षांत समारोह’ में विद्यार्थियों को प्रेरित करते हुए राज्यपाल श्री चौहान ने राष्ट्रकवि रामधारी सिंह ‘दिनकर’ की पंक्तियां को उद्धृत करते हुए कहा कि ‘‘सेनानी करो प्रयाण अभय, भावी इतिहास तुम्हारा है|ये नखत अमां के बुझते हैं, सारा आकाश तुम्हारा है।।’’उन्होंने डिग्री प्राप्त करनेवाले सभी विद्यार्थियों को शुभकामनाएं भी दी|इस अवसर पर महामहिम राज्यपाल-सह-कुलाधिपति ने पीजी सत्र 2017-19 के विभिन्न विषयों के 26 टाॅपरों को स्वर्ण पदक से सम्मानित किया|भौतिकी की आराधना कुमारी को जगदीश सिंह सर्वोत्कृष्ट स्नातकोत्तर ‘स्वर्ण पदक’ से सम्मानित किया गया,‘स्वर्ण पदक’ प्राप्त करने वालों में 15 छात्राएं एवं 10 छात्र थे|कुलपति प्रो.सुरेन्द्र कुमार सिंह ने महामहिम राज्यपाल तथा प्रतिकुलपति प्रो.जय गोपाल ने मुख्य वक्ता पद्मश्री विरेन्द्र सिंह चौहान एवं राज्यपाल के अपर मुख्य सचिव ब्रजेश मेहरोत्रा का मिथिला की परम्परा के अनुसार पाग, चादर और प्रतीक चिह्न से सम्मान किया| कार्यक्रम में सांसद गोपाल जी ठाकुर, विधायक सर्वश्री संजय सरावगी, डाॅ.फैयाज अहमद, विधान पार्षद डाॅ. दिलीप कुमार चौधरी,कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.सर्व नारायण झा, प्रतिकुलपति डाॅ. सीपी सिंह, दरभंगा नगर निगम की महापौर श्रीमती वैजयन्ती देवी खेड़िया, ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति प्रो. जय गोपाल सहित विश्वविद्यालय प्रशासन एवं जिला प्रशासन के कई वरीय अधिकारी एवं गणमान्यजन उपस्थित थे|

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