पराली जलाने वाले किसान होंगे सरकारी सुविधाओं से वंचित : मुख्यमंत्री

पटना : फसल अवशेष प्रबंधन पर आयोजित दो दिवसीय (14 से 15 अक्टूबर) अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दीप प्रज्वलित कर उदघाट्न किया|इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि कृषि विभाग और बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर के द्वारा फसल अवशेष प्रबंधन पर इस अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में सभी आगत अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि इस आयोजन में वैज्ञानिकों, विशेषज्ञों के द्वारा विमर्श से कई बातें सामने आएंगी|उन्होंने कहा कि फसल कटाई के बाद पराली में आग लगाने से पर्यावरण पर बुरा असर पड़ता है,पहले दिल्ली-पंजाब में इसका प्रचलन ज्यादा था जिसका असर दिल्ली के वातावरण पर भी पड़ाता है|बिहार में भी कुछ जगहों पर अब पराली जलायी जाने लगी है,हवाई यात्राओं के दौरान मुझे भी इसका आभास हुआ,इसे रोकने के लिए कृषि विभाग को अभियान चलाने की सलाह दी गई है|उन्होंने कहा कि इसके विरूद्ध पंजाब हरियाणा में भी अभियान चलाया गया है,लेकिन फिर भी यह रुक नहीं रहा है| बिहार में कम्बाइंड हार्वेस्टर का उपयोग बढ़ता जा रहा है,जो ज्यादातर पंजाब से आता है,यह भी संभावना है कि कम्बाइंड हार्वेस्टर उपयोग करने वाले किसानों को पराली जलाने के संबंध में गलत जानकारी दी जा रही है|किसान सलाहकारों एवं कृषि से जुड़े प्रतिनिधिओं को किसानों के बीच जाकर पराली जलाने से होने वाले नुकसानों के बारे में किसानों को जागरुक करना चाहिये|मुख्यमंत्री ने कहा कि पारली जलाने से खेती की उपज में कमी  के साथ ही पर्यावरण संकट भी पैदा हो रहा है|मुख्यमंत्री ने कहा कि फसल अवशेष प्रबंधन पर इस आयोजन से जो बातें सामने निकलकर आएंगी उस पर पुस्तक प्रकाशित किया जाएगा,इसके बावजूद एक लघु फिल्म बनाकर फसल अवशेष प्रबंधन के बारे में लोगों को जागरुक किया जाए|उन्होंने कहा कि किसानों को यह बात समझानी होगी कि पराली के जलाने से खेतों में ऊपज में कमी के साथ-साथ पर्यावरण पर भी फर्क पड़ रहा है|किसानों को यह समझाना होगा कि अगर पराली का दूसरे कार्यों में उपयोग किया जाए जैसे पराली को इकट्ठा कर कई अन्य प्रकार के चीजों का निर्माण कराया जाए तो अनाज के साथ-साथ इससे भी किसानों की आमदनी बढ़ेगी|उन्होंने कहा कि इस आयोजन में विशेषज्ञों, वैज्ञानिकों और अन्य राज्यों से आए हुए किसान इस संबंध में विचार करें| उन्होंने कहा कि हमलोग किसानों को 75 पैसे प्रति यूनिट पर बिजली उपलब्ध करा रहे हैं,जबकि एक लीटर डीजल पर 60 रुपए की सब्सिडी भी दे रहे हैं|किसानों की हर संभव सहायता कर रहे है,जो किसान पराली जलाएंगे वो सरकार की तरफ से मिलने वाली सुविधाओं से वंचित रह जाएंगे|उन्होंने कहा कि इस सम्मेलन में परिचर्चा से जो उपयोगी बातें सामने आएंगी उसे कार्य योजना में शामिल किया जाएगा|मुख्यमंत्री एवं मंच पर उपस्थित अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने फसल अवशेष प्रबंधन पर एक स्मारिका एवं एक पुस्तक का भी विमोचन किया|कार्यक्रम को उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, कृषि सह पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग के मंत्री प्रेम कुमार,मुख्यमंत्री के पूर्व कृषि सलाहकार एवं कृषि वैज्ञानिक डॉ.मंगला राय, एसीएआईआर के डॉ. एरिक हटनर एवं कृषि विभाग के सचिव एन.श्रवण कुमार ने भी संबोधित किया|

0Shares