शराबबंदी से आपसी कलह में आई है कमी : मुख्यमंत्री

पटना : स्थानीय अधिवेशन भवन में आयोजित नशा मुक्ति दिवस कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दीप प्रज्ज्वलित कर  किया| मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग के अपर मुख्य सचिव आमिर सुबहानी ने मुख्यमंत्री को पौधा भेंटकर उनका अभिनंदन किया| अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त सैंड आर्टिस्ट मानस कुमार साहू ने नशा मुक्ति से संबंधित बालू पर आकृतियां उकेरकर लोगों को जागरूक किया एवं किलकारी बिहार बाल भवन के बच्चों ने नशा मुक्ति से जुड़े जन जागरूकता गीत की प्रस्तुती दी|नशा मुक्ति दिवस में मध निषेध पर आधारित लघु फिल्म भी प्रदर्शित की गई, इस कार्यक्रम में सभी पंचायतों के मुखिया को भेजे गए संदेश का अनावरण मुख्यमंत्री ने रिमोट के माध्यम से किया| मोबाइल पर जनता के नाम भेजे गये अपने ऑडियो संदेश का लोकार्पण मुख्यमंत्री ने मोबाइल का बटन दबाकर किया| पूर्ण शराबबंदी को स्थायी रूप से प्रभावी बनाने की दिशा में चलाए जा रहे निरंतर अभियान एवं की जा रही कार्रवाइयों में लगे लोगों तथा मद्य निषेध कोषांग के पुलिसकर्मियों को मुख्यमंत्री ने सम्मानित किया| अधिवेशन भवन में आयोजित नशा मुक्ति दिवस कार्यक्रम का वेबकास्टिंग के माध्यम से बिहार के सभी 38 जिलों में लाइव प्रसारण किया गया|कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आज नशा मुक्ति दिवस है और 2011 से ही हमलोगों ने 26 नवंबर के दिन बिहार में इसे मद्य निषेध दिवस के रूप में मनाना शुरू किया है|1 अप्रैल 2016 से बिहार में देशी शराब पर पाबंदी लगाई गयी, लोगों पर इसका असर इतना व्यापक हुआ कि 4 दिन के अंदर ही पूरे बिहार में पूर्ण शराबबंदी लागू करने की घोषणा करनी पड़ी| 5 अप्रैल 2016 से बिहार में पूर्ण शराबबंदी लागू हुई, इसके बाद शराबबंदी से नशा मुक्ति के पक्ष में 21 जनवरी 2017 को मानव श्रृंखला बनायी गयी, जिसमें 4 करोड़ लोगों ने हिस्सा लिया, जो बिहार की आबादी के एक-तिहाई हैं, यह मानव श्रृंखला दुनिया के लिए नया रिकॉर्ड बना|मुख्यमंत्री ने कहा कि सिर्फ सरकारी तंत्र और कानून के भरोसे हमें पूर्ण कामयाबी नहीं मिलेगी बल्कि इसके लिए निरंतर सामाजिक अभियान चलाकर लोगों को सजग, सक्रिय और सतर्क करना पड़ेगा| उन्होंने कहा कि पूर्ण शराबबंदी के बाद भी चोरी-छिपे चंद धंधेबाज और विकृत मानसिकता के लोग छोटे बच्चों का उपयोग कर शराब की आपूर्ति करने में लगे हैं, जिन पर कार्रवाई हो रही है|शराब सेवन से स्वास्थ्य और समाज पर पड़ने वाले दुष्प्रभावों के संदर्भ में विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के एक जिस्ट का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि वल्र्ड हेल्थ आॅर्गेनाइजेशन के अध्ययन के मुताबिक वर्ष 2016 में दुनिया भर में जितनी मौतें हुई हैं, उसमें 5.3 प्रतिशत मौत शराब सेवन से हुई है, शराब के कारण होने वाली मौतों में बूढ़ों की अपेक्षा युवाओं का मृत्यु दर अधिक है| शराब सेवन करने वाले 20 से 39 आयु वर्ग के लोगों का मृत्यु दर 13.5 है, उन्होंने कहा कि टीवी, एचआईवी और मधुमेह से होने वाली मौत की तुलना में शराब सेवन से अधिक मौत हो रही है, वल्र्ड हेल्थ आर्गेनाईजेशन की रिपोर्ट के अनुसार शराब 200 से अधिक बीमारियों को बढ़ाता है|उन्होंने कहा कि बिहार में शराबबंदी लागू होने के बाद घरेलू हिंसा, महिला उत्पीड़न, सड़क दुर्घटना, आपसी कलह जैसे अन्य कई मामलों में कमी आई है इसलिए लोगों को भटकने मत दीजिये|मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग के अपर मुख्य सचिव आमिर सुबहानी को निर्देश देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि एक-एक चीज पर पैनी नजर रखिये और यदि कोई उच्च अधिकारी भी इस मामले में गड़बड़ी करे तो उस पर त्वरित कार्रवाई करते हुए उसे सेवा से मुक्त करने के साथ ही जेल भेजिए| उन्होंने कहा कि शराब का अवैध धंधा करने वाला शान से नहीं बल्कि सिर झुकाकर चलेगा और लोग उस पर थू-थू करेंगे, बिहार में शराबबंदी लागू होने के बाद पूरे देश में ऐसी स्थिति आ गयी है कि हर ओर शराबबंदी की मांग तेजी से मुखर होने लगी है|  अर्थव्यवस्था का आकलन सिर्फ सरकार के खजाने से नहीं बल्कि लोगों की आर्थिक स्थिति से भी किया जाता है, उन्होंने कहा कि डायरेक्टिव प्रिंसिपल और सुप्रीम कोर्ट का फैसला यह साफ कर देता है कि शराब का सेवन कोई मौलिक अधिकार नहीं है|कार्यक्रम को उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, मंत्री मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन बिजेंद्र प्रसाद यादव, मुख्य सचिव दीपक कुमार, मद्य निषेध विभाग के अपर मुख्य सचिव आमिर सुबहानी ने भी संबोधित किया|

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