60 प्रतिशत से ज्यादा मामले भूमि विवाद के : नीतीश

पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री सचिवालय स्थित संवाद में राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग द्वारा आयोजित “ऑनलाइन दाखिल खारिज, ‘ऑनलाइन लगान भुगतान एवं निबंधन कार्यालयों को अंचल कार्यालयों से संबद्ध  Suo–Motu दाखिल खारिज” सुविधा का रिमोट के माध्यम से शुभारंभ किया|इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आज मुझे संतोष हो रहा है कि भूमि सुधार एवं राजस्व विभाग ने ऑनलाइन कार्यक्रम की शुरुआत की है, इसके लिए हमलोग पहले से ही काफी प्रयासरत थे| वर्ष 2005 में सत्ता में आने के बाद और जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम के दौरान समीक्षा से यह पता चला कि 60 प्रतिशत से ज्यादा मामले भूमि विवाद के हैं, आपसी झगड़े, आपराधिक घटनाओं में भी भूमि विवाद एक महत्त्वपूर्ण वजह होती है| मुख्यमंत्री ने कहा कि जमीनी आंकड़े अपडेट नहीं है यह भूमि दस्तावेज काफी पुराना है, सर्वे 1901 पर आधारित है, हमलोगों ने नया सर्वे सेटलमेंट कराना शुरु किया है, इसके लिए एरियल सर्वे कराया गया, हालांकि 5-5 जगहों से इसके लिए अनुमति लेनी पड़ी, जिस कारण तीन वर्ष का समय लग गया लेकिन अब यह काम पूर्ण हो गया है| इस काम के लिये कर्मियों की संख्या की कमी है, जिसका आकलन किया गया है, इसके लिए 1203 विशेष सर्वेक्षण सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी, 2297 सर्वेक्षक अंचल निरीक्षक सह कानूनगो, 22966 विशेष सर्वेक्षण अमीन, 2406 लिपिक,विशेष लिपिक, 1203 कार्यपालक सहायक,12 डाटा इंट्री ऑपरेटर एवं 1203 आईटी ब्वॉय की नियुक्ति के लिए लोक वित्त समिति द्वारा प्रस्ताव किया गया है, इसके लिए विभाग को तेजी से काम करना होगा फिर मुख्य सचिव के स्तर से इसकी समीक्षा की जाएगी|मुख्यमंत्री ने कहा कि पुराने सर्वे सेटलमेंट के आधार पर खरीद-बिक्री का काम अभी किया जा रहा है लेकिन आज तीन ऑनलाइन कार्यक्रम की शुरुआत के बाद इसमें सुविधा होगी, भूमि विवाद के कारणों को हल करने में इससे सुविधा होगी| लगान वसूली के लिए कर्मचारी की संख्या कम रहने के कारण काफी समस्या होती थी, साथ ही कर्मचारी को तलाश करने में भी लोगों को काफी परेशानी होती थी| अब नए तकनीक के प्रयोग से कार्यों में सुविधा होगी, जमीन का बंटवारा होने के बाद भी दादा-परदादा-पिताजी के नाम से जमीन रहती है, दाखिल खारिज अपने नाम से नहीं होने से खरीद बिक्री में विवाद होता है| निबंधन शुल्क ज्यादा होने के कारण भी आपसी सहमति से हुए बंटवारे का निबंधन लोग नहीं कराते हैं, मुख्यमंत्री ने कहा  कि अब पारिवारिक बंटवारे में यह निर्देश दिया है कि इस शुल्क को सांकेतिक किया जाय, कम से कम खर्च में लोग दाखिल खारिज करा सकेंगे और उनकी जमीन का दस्तावेज आधिकारिक हो जाएगा| मुख्यमंत्री ने कहा कि जमाबंदी रजिस्टर तथा अन्य भूमि संबंधी दस्तावेजों को स्कैन कर ई-रिकॉर्ड के रुप में सुरक्षित रखा जाएगा ताकि पुराने दस्तावेज सुरक्षित रहें और उनका भविष्य में उपयोग हो सके, इससे नए सर्वे सेटलमेंट में भी सुविधा होगी और भूमि विवाद के निराकरण में मदद मिलेगी|मुख्यमंत्री ने कहा कि सप्ताह के एक दिन यानि शनिवार को थाना प्रभारी एवं अंचलाधिकारी की बैठक होगी जिसमें भूमि विवाद की जानकारी ली जाएगी एवं उसके समाधान का उपाय किया जायेगा| हर 15 दिनों पर जिलाधिकारी एवं एसपी की बैठक होगी, जिसमें अंचलाधिकारी एवं थाना प्रभारी की बैठक में निष्पादित मामलों की जानकारी प्राप्त की जाएगी एवं जिले के अंदर भूमि विवाद संबंधी समस्या के समाधान के लिए विचार किया जाएगा|उन्होंने कहा कि प्रत्येक माह में एक दिन मुख्य सचिव, डीजीपी, प्रधान सचिव, राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग एवं प्रधान सचिव निबंधन विभाग की एक बैठक होगी, जिसमें सभी जिलाधिकारियों से फीडबैक लिया जाएगा और जमीन विवाद संबंधी समस्या के समाधान की समीक्षा की जाएगी, इस तरह ऊपर से नीचे तक एक तंत्र विकसित होगा और जवाबदेही के साथ कार्य का निष्पादन होगा|मुख्यमंत्री ने कहा कि अगले एक वर्ष के अंदर कई महत्वपूर्ण कार्य किए जाएंगे जिसमें खतिआनों एवं रजिस्टर-2, सरकारी बंदोबस्ती पंजी, दाखिल खारिज पंजी, सरकारी रजिस्टर का, डिजिटलाइजेशन एवं स्कैनिंग किया जाएगा| इससे नए सर्वे सेटलमेंट में पुराना रिकाॅर्ड किसका है, इसके बारे में भी जानकारी मिल सकेगी और नए सर्वे सेटलमेंट में जो आपत्तियाॅ होंगी, उसके निष्पादन में कम समय लगेगा| डिजिटाइज्ड जमाबंदी का शुद्धिकरण, सभी सॉफ्टवेयर में आपत्ति देने के प्रावधान का समावेश किया जाएगा|हमारा लक्ष्य है कि नया सर्वे सेटलमेंट का काम 2 वर्ष के अंदर कर लिया जाय, इसके बाद चकबंदी भी लागू कर सकें|उन्होंने कहा कि अगर भूमि संबंधित विवाद खत्म हो जायें तो बिहार विकास की नई ऊंचाई को प्राप्त कर लेगा, कृषि उत्पादकता बढ़ेगी, साथ ही लोगों की आमदनी भी बढ़ेगी|कार्यक्रम को उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री राम नारायण मंडल, राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के प्रधान सचिव ब्रजेश मेहरोत्रा ने भी संबोधित किया|

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