फांसी की सजा वाले अध्यादेश को राष्ट्रपति ने दी मंजूरी

नईदिल्ली/एजेंसी : राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 12 वर्ष से कम उम्र की बच्चियों के साथ दुष्कर्म करने पर फांसी की सजा वाले अध्यादेश को आज अपनी सहमती दे दिया, महामहिम की सहमति मिलने के पश्चात ही इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी गयी है और यह अध्यादेश अब लागू हो गया| गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में कल केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में बच्चियों के साथ दुष्कर्म के दोषियों को फांसी की सजा का प्रावधान करने वाले आपराधिक कानून संशोधन अध्यादेश 2018 के प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया था|इस अध्यादेश के जरिए चार कानूनों में संशोधन किये गये हैं,बाद में इसे राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए भेजा गया,इस अध्यादेश को अब संसद के मानसून सत्र में पेश किया जाएगा| अध्यादेश से बाल यौन शोषण संरक्षण अधिनियम (पोक्सो), भारतीय दंड संहिता, साक्ष्य अधिनियम, अापराधिक कानून प्रक्रिया संहिता में संशोधन किया गया है| सूरत, उन्नाव और कठुआ में पिछले दिनों हुई दुष्‍कर्म की घटना के बाद ऐसे आरोपियों को सख्‍त सजा देने की देशभर में मांग उठने लगी थी जिसे देखते हुए सरकार ने यह कदम उठाया है| कानून में बदलाव के बाद 12 वर्ष तक की बच्ची के साथ दुष्कर्म के दोषी को मौत की सजा होगी|पॉक्सो के मौजूदा प्रावधानों के अनुसार, दोषियों के लिए अधिकतम सजा उम्रकैद है और न्‍यूनतम सात साल की जेल है|अध्यादेश के मुताबिक, नाबालिगों से दुष्कर्म के मामलों में फास्ट ट्रैक कोर्ट बनाने की व्यवस्था की जाएगी तथा फॉरेंसिक जांच के जरिए सबूतों को जुटाने की व्यवस्था को और मजबूत बनाया जाएगा|पूरे मामले की सुनवाई दो माह में करनी होगी तथा छह महीने के भीतर अपील का निपटारा करना होगा,पूरा मामला कुल 10 महीने में निपटाना अनिवार्य किया गया है|

0Shares

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *