पटना : ‘‘हमारे देश के विभिन्न राज्यों की भाषा, वेशभूषा, रहन-सहन, खान-पान इत्यादि में भिन्नता है किन्तु इस विविधता में भी हमारी एकता है, जब-जब भारत एक होता है, तब-तब यह श्रेष्ठ बनता है|एक परिवार के विभिन्न सदस्यों की तरह हमारे देश के लोगों के बीच भी मतभिन्नता हो सकती है किन्तु कोई विपत्ति आने पर हम सभी भारतवासी मिलकर उसका मुकाबला करते हैं|’’ यह बातें प्रदेश के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार के पूर्व क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र, कोलकाता एवं बिहार सरकार के कला, संस्कृति एवं युवा विभाग के संयुक्त तत्वावधान में स्थानीय प्रेमचंद रंगशाला में आयोजित तीन दिवसीय राष्ट्रीय नृत्य, शिल्प एवं व्यंजन उत्सव का कार्यक्रम ‘इंद्रधनुष’ के उद्घाटन के अवसर पर कही|राज्यपाल ने कहा कि हम सभी भारतवासी आपस में एक-दूसरे के साथ जुड़े हुए हैं और इस एकता के सूत्र के कारण ही भारत के किसी एक राज्य के लोगों को तकलीफ होने अथवा उनपर विपत्ति आने पर दूसरे दूरस्थ राज्यों के लोगों को पीड़ा होती है|उन्होंने कहा कि उत्तरकाशी सुरंग में फँसे सभी 41 मजदूरों के लिए पूरा देश चिंतित था और उनसे परिचित नहीं होने के बावजूद भी सभी देशवासी उनके सकुशल बाहर निकलने के लिए दुआएँ कर रहे थे तथा उनके बाहर आने पर सब ने खुशी जाहिर की| यह हमारे देशवासियों का एक-दूसरे के प्रति प्रेम और अपनापन की भावना तथा आपसी एकता का प्रतीक है जिसे बनाए रखने की आवश्यकता है|एकता का सूत्र ही हमारी शक्ति है पूरा भारत एक है और इसीलिए यह श्रेष्ठ है, हमारी एकता में ही भारत की श्रेष्ठता है|इस अवसर पर राज्यपाल ने रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति देखी तथा व्यंजन उत्सव एवं शिल्प मेला के विभिन्न स्टाॅल्स का भी अवलोकन किया|कार्यक्रम को कला, संस्कृति एवं युवा विभाग के मंत्री जितेन्द्र कुमार राय ने भी संबोधित किया| इस अवसर पर विभाग की अपर मुख्य सचिव श्रीमती हरजोत कौर एवं पूर्व क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र के निदेशक आशीष कुमार गिरि तथा अन्य लोग उपस्थित थे|