वित्त मंत्री ने भारत निवेश सम्मेलन २०१६ का उद्घाटन किया |

arun jetli,05,02,16 नईदिल्ली ; केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने भारत निवेश सम्मेलन २०१६ का उद्घाटन करते हुए अपने उद्घाटन भाषण में कहा कि हम दुनिया में सबसे तेजी के साथ उभरती अर्थव्यवस्थाओं में से एक बने रहने का इरादा रखते हैं|वित्त मंत्री ने कहा कि भारत के पास मौजूदा गति से भी तेज वृद्धि की क्षमता है,उन्होंने कहा कि हमें अभी अपनी वृद्धि की क्षमता को पहचानना है|उन्होंने कहा कि हम इंफ्रास्ट्रक्चरनिजी क्षेत्र तथा बैंकिंग क्षेत्र को बेहतर बनाना चाहते हैं ताकि वैश्विक मानकों को हासिल किया जा सकें| इसके लिए सडक़राजमार्गफ्लाई ओवरोंरेलवेपावरहरित ऊर्जातेल एवं गैसबंदरगाह और हवाई अड्डों समेत पूरे इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में निवेश बढ़ाने की जरूरत है|उन्होंने कहा कि देश के विकास के लिए घरेलू तथा अंतर्राष्ट्रीय संसाधनों का समुचित इस्तेमाल अपेक्षित है|सड़करेलवे और ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में विदेशी निवेश को आमंत्रित करते हुए वित्त मंत्री जेटली ने सिंगापुर तथा संयुक्त अरब अमीरात जैसे देशों के सॉवरेन सम्पत्ति कोषों के प्रतिनिधियों के साथ मुलाकात की|जेटली ने उनका ध्यान वैश्विक नरमी के इस दौर में भी भारतीय अर्थव्यवस्था की मजबूत स्थिति और देश की नीतियों में स्थिरता की ओर आकर्षित किया|उन्होंने निवेशकों के सामने भारत में उपस्थित अवसरों को प्रस्तुत किया और उन्हें विशेष रूप से सड़कराजमार्गतेल एवं गैसशहरी बुनियादी ढांचा और रेलवे परियोजनाओं में निवेश के लिए आमंत्रित किया|जेटली ने कहा कि निर्णय प्रक्रिया भी तेज हुई है और निवेश की राह में मुश्किल बनी शर्तों में संशोधन किया गया है|वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार ने यह सुनिश्चित किया कि निर्णय प्रक्रिया तेज हो, नीतिगत बदलाव हो और ढांचागत सुधार समेत स्थिति और बेहतर हो|उन सुधारों की गति निरंतर बनी हुई है और दिशा सुनिश्चित है इस तरह पिछले १९ महीनों में हमने भारत में निवेश का दरवाजा खोला है|उन्होंने उम्मीद जताई कि संसद के बजट सत्र में वस्तु एवं सेवा कर विधेयक और दिवाला एवं शोधन अक्षमता विधेयक पारित हो जाएगा|

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