मोदी सरकार को आजाद मीडिया पसंद नहीं : राजेश राठौड़

पटना : देश की सर्वोच्च पंचायत संसद भवन में मीडिया कर्मियों को शीशे के बक्से में कैद करना लोकतंत्र और संविधान के प्रति केंद्र की मोदी सरकार की उदासीनता और तानाशाही रवैए की एक और बानगी के रूप में याद रखा जायेगा| देश में मीडिया के स्वतंत्रता को इस प्रकार से कैद करने की कुत्सित प्रयास से यह साबित होता है कि इस देश में दबाव बनाना और लोकतंत्र को कैद करना मोदी सरकार के लिए आम बात हो चुकी है, ये बातें बिहार कांग्रेस के मीडिया विभाग के चेयरमैन राजेश राठौड़ ने कही|कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता राजेश राठौड़ ने कहा कि दस सालों से मीडिया की स्थिति इस सरकार ने निरीह और कमजोर बना रखी है जिसमें केवल नियंत्रण और खुद का प्रचार का साधन बना रखा है| अब ऐसे में आज की घटना यह बताने को काफी है कि देश में मीडिया की स्थिति इसी बंद पिंजड़े की तरह हो चुकी है| मोदी सरकार ने संविधान की धज्जियां उड़ाने के साथ साथ संवैधानिक परंपराओं का भी गला घोंटने का काम किया है| मीडिया कर्मियों को आज की घटना से अब शायद अंदेशा हो जायेगा कि उनके द्वारा एक गलत राजनीतिक दल और अति महत्वाकांक्षी नेता के अघोषित तानाशाही के अधीन काम करके भी उसे यूं कैद ही हासिल हुआ|पहले सदन में विपक्ष के नेताओं के माइक और उनके बोलने वक्त स्क्रीन से उनकी तस्वीरें गायब होती थी लेकिन अब तो मीडिया को कैद करके मोदी सरकार ने यह स्पष्ट संदेश दे दिया है कि उन्हें आजाद मीडिया पसंद नहीं है|

0Shares