बिहार के हस्तशिल्प दुनिया को कर सकती है आकर्षित : श्याम रजक

मुंबई : बिहार के हस्तशिल्प बहुत ही आकर्षक,जीवंत और उन्नत है,इनमें पूरी दुनिया को आकर्षित करने की क्षमता है,लेकिन अभी तक मधुबनी पेंटिंग को छोड़कर बिहार की शेष अन्य कलाओं को पर्याप्त प्रसिद्धि और पहचान नहीं मिल पाई है|इसी कमी को दूर करने के लिए  मुंबई के विश्व प्रसिद्ध काला घोड़ा आर्टस फेस्टिवल1 से 9 फरवरी, 2020 तक उपेन्द्र महारथी शिल्प अनुसंधान संस्थान, पटना के माध्यम से दो स्टाॅल में बिहार के हस्तशिल्प और हैण्डलूम की पहली बार प्रदर्शनी लगायी गयी है|मुंबई के काला घोड़ा आर्टस फेस्टिवल में उपेन्द्र महारथी शिल्प अनुसंधान संस्थान के स्टाॅल का अवलोकन करने के बाद बिहार के उद्योग मंत्री श्याम रजक ने इसकी जानकारी दी|श्री रजक ने कहा कि काला घोड़ा में आयोजित इस नौ दिवसीय आयोजन में मधुबनी पेंटिंग के साथ-साथ बिहार की अन्य हस्तकलाओं सिक्की कला,सुजनी कला, टिकुली पेंटिंग, एप्लिक,कशीदा शिल्प, काष्ठ कला, पाषाण शिल्प एवं जूट कला को भी प्रदर्शित किया गया है,जिसकी मुंबई वासियों सेे भरपूर सराहना मिली है|मंत्री श्री रजक ने उम्मीद जाहिर करते हुए कहा कि इस आयोजन के बाद बिहार के हस्तशिल्प एवं हैण्डलूम की देश-विदेश में पहचान और मांग बढे़गी|उन्होंने कहा कि बिहार के हस्तशिल्प,खादी और हैण्डलूम के प्रचार-प्रसार के लिए राज्य सरकार कृत संकल्प है,इसी उद्देश्य से पटना में भारत के सबसे बड़े खादी माॅल का निर्माण कराया गया है|दिल्ली के बाबा खड़ग सिंह मार्ग पर चार करोड़ की लागत से विशाल एवं भव्य ‘‘अम्बापाली इम्पोरियम‘‘ का पुर्ननिर्माण कराया गया है|पटना स्थित बिहार म्यूजियम में हस्तशिल्प एवं हैण्डलूम का बिक्री केन्द्र खोला गया है, पटना के फ्रेजर रोड में अवस्थित बिहार राज्य वित्तीय निगम के भवन का नये ढंग से पुर्ननिर्माण कर ‘‘हैण्डलूम एवं हैण्डक्राफ्ट हाट‘‘ का निर्माण कराया जा रहा है,जिसका उद्घाटन आगामी 22 मार्च, 2020 को किया जायेगा|उन्होंने कहा कि  राज्य में उद्योगों का जाल बिछाने की तैयारी है,इसी उद्देश्य से बिहार सरकार ने मुख्यमंत्री अनुसूचित जाति/ अनुसूचित जन जाति उद्यमी योजना के साथ-साथ अति पिछड़ा वर्ग उद्यमी योजना भी आरंभ की है|इसके तहत संबंधित वर्ग के युवक-युवतियों को उद्योग लगाने के लिए अधिकतम 10 लाख रूपये तक की वित्तीय सहायता दी जा रही है,इसमें 50 प्रतिशत की राशि अनुदान के रूप में रहेगी और शेष 50 प्रतिशत ब्याज मुक्त ऋण के रूप में है|श्री रजक ने बताया कि बिहार में कृषि आधारित उद्योग,खादी,हैण्डलूम एवं हस्तशिल्प के क्षेत्र में रोजगार सृजन की भरपूर संभावना है,उन्होंने मुंबई समेत देश के उद्योगपतियों से बिहार में निवेश की अपील की|इस अवसर पर पर उद्योग विभाग बिहार के सचिव नर्मदेश्वर लाल,बिहार के निवेश आयुक्त रविशंकर श्रीवास्तव,उद्योग निदेशक पंकज कुमार सिंह एवं उपेन्द्र महारथी शिल्प अनुसंधान संस्थान पटना के निदेशक अशोक कुमार सिन्हा भी उपस्थित थे|

 

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