सारण में किया गया तीन दिवसीय आध्यात्मिक आयोजन

सारण : तीन दिवसीय आध्यात्मिक उत्सव 3 से पांच फरवरी, 2020 तक आध्यात्मिक उत्सव का आयोजन स्वामी ज्योतिर्मयानंद सरस्वती के जन्म दिवस के अवसर पर आयोजित किया गया,यह आयोजन ज्योतिर्मय ट्रस्ट पटना एवं उनके जन्म स्थान श्री डुमरी बुज़ुर्ग, सोनपुर,सारण में स्थित स्वामी ज्योतिर्मयानंद आश्रम में मनाया गया|इस कार्यक्रम में योग के विभिन्न आयामों पर चर्चा की गई तथा इससे होने वाले लाभ के बारे में लोगों को बताया गया|आश्रम विधान के अनुसार वैदिक रीति से पूजा-पाठ तथा आध्यात्मिक चेतना के माध्यम से मानव जीवन में आने वाली समस्या व उसका निराकरण कर अपने जीवन को आध्यात्मिक रूप से सबल और सक्षम बनाने के लिए प्रेरित किया गया|ज्ञात हो की 3 फरवरी1931 को अवतरित स्वामी ज्योतिर्मयानंद सरस्वती का नाम बाल्य काल में सुरेश था, वे पटना साइंस कॉलेज के विद्यार्थी थे,उसी समय स्वामी शिवानंद सरस्वती के प्रवचन से प्रभावित होकर संन्यास ग्रहण कर आध्यात्मिक मार्ग के लिए दृढ़ सकल्पित हो गए|अपने गुरु के अनुमति से अपना आश्रम योग रिसर्च फाउंडेशन मियामी, फ्लोरिडा, अमेरिका में साठ के दशक में स्थापित किए,वहीँ से करीब सौ देशों में भारतीय योग एवं वेदांत का प्रचार प्रसार किए|स्वामी जी के गुरु भाई स्वामी सत्यानंद सरस्वती बिहार योग विद्यालय की स्थापना कर भारत ही नहीं अपितु पूरे विश्व में भारतीय योग दर्शन का परचम लहरा रहे हैं|महर्षि पतंजलि द्वारा निर्देशित योग दर्शन की आध्यात्मिक भावना व चेतना को जागृत रखते हुए पूरे विश्व में स्वामी शिवानंद सरस्वती जी के दोनों शिष्य स्वामी ज्योतिर्मयानंद सरस्वती एवं स्वामी सत्यानंद सरस्वती की भूमिका ईश्वरी व दिव्य है|स्वामी ज्योतिर्मयानंद जी के निर्देशानुसार ज्योतिर्मय ट्रस्ट की स्थापना वर्ष 2014 में विमल कुमार एवं उनके सहयोगी अवधेश झा, अधिवक्ता मनोज कुमार,निशांत कुमार,श्रीमती रेणु कुमार के द्वारा पटना में की गई|इसे योग रिसर्च फाउंडेशन को मियामी,फ्लोरिडा, अमेरिका की अधिकृत इकाई की मान्यता प्रदान की गई है,इसका मुख्य उद्देश्य स्वामी ज्योतिर्मयानंद जी द्वारा स्थापित किए गए अध्यात्मिक उद्देश्य को जन जन तक पहुंचाना है|योग एवं आध्यात्मिक उत्थान केन्द्र के रूप में स्थित स्वामी ज्योतिर्मयानंद आश्रम सारण में पिछले वर्ष ” ज्योतिर्मय संस्कार शाला ” का शुभारंभ किया गया,जिसमें आस-पास के गांव एवं मुहल्लों के बच्चों को शिक्षा व संस्कार दी जाती है|

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