दरभंगा : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दरभंगा जिला के बिरौल में सहरसा जिलान्तर्गत बलुआहा से गंडौल के बीच कोसी नदी पर 404 करोड़ 45 लाख रुपए की लागत से उच्चस्तरीय आरसीसी पुल के पहुंच पथ का गंडौल से बिरौल (हॉटी-कोठी) तक विस्तारीकरण का उद्घाटन रिमोट के माध्यम से किया|इस दौरान मुख्यमंत्री ने पंचायत सरकार भवन बिरौल एवं लोक सेवाओं का अधिकार अधिनियम तथा लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम अंतर्गत पंचायत सुविधा केंद्र का उद्घाटन एवं निरीक्षण किया|जनसभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सहरसा जिलान्तर्गत बलुआहा से गंडौल के बीच कोसी नदी पर 404 करोड़ 45 लाख रुपए की लागत से उच्चस्तरीय आरसीसी पुल सह पथ परियोजना का उद्घाटन हुआ है जिसका बहुत पहले ही निर्णय लिया गया था,इससे सहरसा और दरभंगा के बीच दूरी कम हो जाएगी|उन्होंने कहा कि वर्ष 2013 में ही कोसी और मिथिलांचल को जोड़ने की योजना पर काम शुरू हुआ था इस क्रम में कमला नदी पर पुल और पहूंच पथ बना|बलुआहा में 531 करोड़ रुपये की लागत से पुल और 404 करोड़ 45 लाख रुपये की लागत से 10 मीटर चैड़ाई वाले 12.67 किलोमीटर लंबे पथ का निर्माण कराया गया,जिसमें 2 बड़े तथा 11 छोटे पुल शामिल हैं| इसके लिए 93 करोड़ 85 लाख रुपये भू-अर्जन पर खर्च किये गये,इस प्रकार कुल 950 करोड़ रुपये की लागत से पुल और पहुंच पथों का निर्माण किया गया|उन्होंने कहा कि अब दरभंगा से सहरसा जाने के लिए मात्र 42 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ेगी,वर्ष 2009 से हमलोग इस काम में लगे हुए थे जो आज पूरा हुआ है|मुख्यमंत्री ने कहा कि इस कार्यक्रम के माध्यम से 13 योजनाओं का उद्घाटन और 23 योजनाओं का शिलान्यास हुआ है|उन्होंने कहा कि कुशेश्वर स्थान से फुलतोरा घाट के बीच 391 करोड़ रुपये की लागत से सड़क और 7 बड़े पुलों का निर्माण होना है,जिसका आज शिलान्यास करवाया गया, इसका काम पूरा होने के बाद कुशेश्वर स्थान से खगड़िया के बीच 80 किलोमीटर का फासला कम होगा|उन्होंने कहा कि मुझे पूरा यकीन है और पथ निर्माण विभाग के प्रधान सचिव ने लिखित तौर पर भी आश्वस्त किया है कि दो साल के अंदर यह काम पूरा हो जाएगा| इसके अलावा राज्य सरकार अपने संसाधनों से 1126 करोड़ रुपये की लागत से रसियासाड़ी से बरुना ब्रिज तक 7 मीटर चौड़े स्टेट हाईवे का निर्माण कराने जा रही है, इस परियोजना के पूरा होने पर बरुना ब्रिज से हाजीपुर होते हुए लोग पटना आसानी से जा सकेंगे|उन्होंने कहा कि आज जिस पहुंच पथ का उद्घाटन हुआ है,वह तटबंध से 6 मीटर ऊंचा है इसलिए इसके दोनों तरफ सड़क और जन सुरक्षा के दृष्टिकोण से लोहे का बैरियर लगाए जाने का निर्णय लिया गया है|उन्होंने कहा कि मेरा कॉन्सेप्ट रहा है कि जिस प्रकार से केंद्र सरकार के बाद राज्य सरकार है,उसी प्रकार से राज्य सरकार के बाद पंचायत सरकार भी हो|पहले राजस्व कर्मचारी को खोजना पड़ता था,अब उनके बैठने की जगह निर्धारित कर दी गयी है, इसके साथ ही पंचायत सरकार भवन से आय,आवासीय,जाति प्रमाण पत्र जैसी 52 सेवाओं का लाभ भी लोगों को मिलेगा,जिसके लिए उन्हें प्रखंड कार्यालय जाना पड़ता था|लोक सेवाओं का अधिकार कानून के तहत मिलने वाली सेवाओं से संबंधित आवेदन अब पंचायत सरकार भवन से ही ऑनलाइन हस्तांतरित करने की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है| इसके अलावा लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम के लिए ऑनलाइन आवेदन भी अब पंचायत सरकार भवन से कर सकते हैं,जिसकी पावती रसीद दी जाएगी|कार्यक्रम के पश्चात मुख्यमंत्री ने सड़क मार्ग से बिरौल से सहरसा तक का सफर तय किया और सड़क का निरीक्षण भी किया|जनसभा को उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी,पथ निर्माण मंत्री नंदकिशोर यादव,भवन निर्माण मंत्री महेश्वर हजारी,खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री मदन सहनी,बिहार राज्य योजना पर्षद के सदस्य संजय झा, विधान पार्षद सुनील कुमार सिंह एवं बिहार राज्य पुल निर्माण निगम के अध्यक्ष जितेंद्र श्रीवास्तव ने भी संबोधित किया|इस अवसर पर विधायक संजय सरावगी,जीवेश मिश्रा,अमरनाथ गामी,रत्नेश सदा,शशिभूषण हजारी,विधान पार्षद दिलीप सहनी,अर्जुन सहनी,पथ निर्माण विभाग के प्रधान सचिव अमृत लाल मीणा,मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार,बिहार प्रशासनिक सुधार मिशन सोसाइटी की अपर मिशन निदेशक श्रीमती प्रतिमा वर्मा,बिहार राज्य पुल निर्माण निगम के प्रबंध निदेशक उमेश कुमार सहित पथ निर्माण विभाग एवं बिहार राज्य पुल निर्माण निगम के अभियंतागण उपस्थित थे|