पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने स्थानीय श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में मौलाना अबुल कलाम आजाद के जन्म दिवस पर आयोजित शिक्षा दिवस 2018 कार्यक्रम का दीप प्रज्ज्वलित कर उद्घाटन किया|मुख्यमंत्री ने मौलाना अबुल कलाम आजाद के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की, इस अवसर पर बाल विवाह एवं दहेज-प्रथा उन्मूलन को लेकर आयोजित हुई मानव श्रृंखला 2018 पर आधारित जन शिक्षा निदेशालय द्वारा तैयार की गई पुस्तिका का मुख्यमंत्री ने विमोचन किया| मुख्यमंत्री ने प्रख्यात शिक्षाविद् एवं अवकाश प्राप्त वैज्ञानिक (डीआरडीओ) पद्मश्री मानस बिहारी वर्मा को मौलाना अबुल कलाम आजाद सम्मान से सम्मानित किया| वैज्ञानिक के रूप में पद्मश्री मानस बिहारी वर्मा की उपलब्धियों, उनके व्यक्तित्व एवं अवकाश प्राप्ति के बाद शिक्षा के विकास एवं सामाजिक उत्थान की दिशा में उनके द्वारा किए जा रहे कार्यों का विस्तारपूर्वक उल्लेख किया|समारोह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं इस शिक्षा दिवस समारोह में मौलाना अबुल कलाम आजाद साहब के प्रति श्रद्धा-सुमन अर्पित करता हूं|उन्होंने कहा कि आजादी की लड़ाई और समाज में सद्भाव का वातावरण कायम करने में मौलाना अबुल कलाम आजाद की जो भूमिका रही है उसे कभी भुलाया नहीं जा सकता| आजादी के बाद वे देश के पहले शिक्षा मंत्री थे और शिक्षा के विकास में उनकी भूमिका काफी अहम रही है, भारत के विभाजन से वे सहमत नहीं थे| उन्होंने कहा कि वर्ष 2007 से ही हमलोगों ने मौलाना अबुल कलाम आजाद साहब के जन्म दिवस पर 11 नवम्बर को बिहार में शिक्षा दिवस मनाना प्रारंभ किया,इसके एक वर्ष बाद ही केंद्र सरकार ने भी इसे अपनाया|शिक्षा विभाग को निर्देश देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आजाद साहब का जो जीवन है और उनके द्वारा जो काम किए गये हैं, उन सभी चीजों को समाहित करते हुए अगले एक साल के अंदर पुस्तक तैयार करें जिससे नई पीढ़ी उनसे प्रेरणा ले सकें| उन्होंने कहा कि अगले साल से आजाद साहब पर आधारित पुस्तक का वितरण लोगों एवं विद्यार्थियों के बीच किया जाए ताकि लोग उनके कामों से अवगत हो सकें| युवा पीढ़ी के लोग यह जान पायेंगे कि आईआईटी किसने और कब बनवाया|मुख्यमंत्री ने कहा कि आज इस कार्यक्रम में पद्मश्री मानस बिहारी वर्मा को सम्मानित किया गया यह गर्व की बात है।,उन्होंने कहा कि हर बिहारी अपना मानस इतना ऊॅचा करे कि उन्हें भी सम्मानित होने का अवसर मिले और बिहार का नाम रौशन हो सके| उन्होंने कहा कि वैज्ञानिक के रूप में डीआरडीओ में काम कर चुके मानस बिहारी वर्मा से हम सभी को प्रेरणा लेनी चाहिए,इतने ऊँचे पद पर काम करने के बाद अवकाश प्राप्त होने पर उन्होंने अपने गाँव का रुख किया और आज अपने इलाके के लोगों को शिक्षा एवं विज्ञान के क्षेत्र में आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं|आज अधिकांश लोग ऊँचे पदों से अवकाश प्राप्त करते हैं तो वे लौटकर दिल्ली चले जाते हैं और वहीं के होकर रह जाते हैं| इस अवसर पर श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में मौलाना अबुल कलाम आजाद के लेखन, जीवन, दर्शन एवं योगदान पर आधारित प्रदर्शनी का मुख्यमंत्री ने अवलोकन किया|समारोह को उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, शिक्षा मंत्री कृष्णनंदन प्रसाद वर्मा, प्रख्यात शिक्षाविद् एवं अवकाश प्राप्त वैज्ञानिक पद्मश्री मानस बिहारी वर्मा एवं शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव आर.के.महाजन ने भी संबोधित किया|